मूंग की खेती: बुवाई समय के बाद खाली खेत में मूंग की खेती से किसानों को मिल सकता है अच्छा मुनाफा

saneha verma
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मूंग की खेती: बुवाई समय के बाद खाली खेत में मूंग की खेती से किसानों को मिल सकता है अच्छा मुनाफा

बुवाई समय के बाद खाली खेत में मूंग की खेती से किसानों को मिल सकता है अच्छा मुनाफा। यहां हैं टॉप 5 किस्में जिनसे होगा बेहतर उत्पादन।

पंत मूंग 1 किस्म

पंत मूंग 1 किस्म की खेती खरीफ व जायद सीजन में की जा सकती है। इसकी फसल 75 दिन में तैयार हो जाती है और प्रति हैक्टेयर 10 से 12 क्विंटल तक पैदावार हो सकती है।

मूंग की मोहिनी किस्म

मूंग की मोहिनी किस्म की फसल भी 70 से 75 दिन में पूरी होती है और यह भी 10 से 12 क्विंटल तक पैदावार देती है। इसकी खासियत यह है कि इसमें पीला मोजैक रोग नहीं होता है।

पंत मूंग 3 किस्म

ग्रीष्मकालीन खेती के लिए पंत मूंग 3 किस्म काफी उपयुक्त है। इसमें पीला मोजैक तथा पाउडरी मिल्ड्यू रोग की प्रतिरोधी होती है।

मूंग की पूसा वैसाखी किस्म

मूंग की पूसा वैसाखी किस्म की फसल भी 60 से 70 दिन में पूरी होती है और किसान 8 से 10 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

मूंग की कृष्ण 11 किस्म

मूंग की कृष्ण 11 किस्म करीब 65 से 70 दिन में पूरी होती है और किसान 10 से 12 क्विंटल प्रति हैक्टेयर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।

ग्रीष्म कालीन मूंग की बुवाई का तरीका

बुवाई से पहले खेत की तैयारी करते समय ध्यान देने योग्य है कि खेत में दीमक न हो, और उचित उर्वरक का उपयोग करें। बुवाई के लिए 25 से 30 किलोग्राम बीज प्रति हैक्टेयर की आवश्यकता होती है।

ट्रैक्टर जंक्शन के अनुसार, मूंग की यह चुनिंदा किस्में किसानों को अच्छा उत्पादन और मुनाफा देने में मदद कर सकती हैं। खेती के तरीकों का ज्ञान और उन्नत तकनीकी जानकारी से लाभान्वित होने के लिए, किसानों को संबंधित स्थानीय कृषि विशेषज्ञों से संपर्क करना चाहिए।

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