राजस्थान के केर: राजस्थान के टोंक जिले में केर की खेती की मांग, किसानों को अच्छी कमाई का मौका

saneha verma
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राजस्थान के केर: राजस्थान के टोंक जिले में केर की खेती की मांग, किसानों को अच्छी कमाई का मौका

राजस्थान के टोंक जिले में केर की खेती की मांग बढ़ रही है, जिससे किसानों को अच्छी कमाई का मौका मिल रहा है। यहां केर के रोजगारी के अवसर और इसके उत्पादों की मांग बढ़ रही है, जिससे गांव के लोग और शहरी बाजारों में उनका महत्वपूर्ण योगदान हो रहा है

केर की उपज और मांग

केर, जिसे हवा की नमी सोखकर उसके स्वाद को मीठा बनाने के लिए जाना जाता है, टोंक जिले में विशेष रूप से प्रसिद्ध है। गर्मियों के मौसम में यहां के किसान अपनी खेतों में केर की खेती करते हैं, जिससे उन्हें अच्छी कमाई का मौका मिलता है। इसके बावजूद कि केर की मांग सदियों से गांवों में ही थी, लेकिन अब यह शहरों और होटलों में भी बड़ी मात्रा में मांग बन गया है।

रोजगार का स्रोत

केर की उपज और इसके उत्पादों की मांग के साथ-साथ, इससे गांव के लोगों को भी रोजगार का अवसर मिल रहा है। खासकर महिलाएं अपने घर के पारिवारिक खर्चे चलाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं, जो केर की खेती और उसके उत्पादों की बिक्री के माध्यम से हो रहा है। इससे गांव की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है और लोगों को नये रोजगारी का स्रोत मिल रहा है।

अच्छी माने जाने वाली उत्पादों की मांग

केर की सब्जी और अचार न केवल खाने में स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि इनकी आयुर्वेदिक गुणधर्मों से भी लोग प्रेरित हो रहे हैं। इसके अलावा, शादियों, महोत्सवों और अन्य समारोहों में भी केर की सब्जी और अचार की मांग बढ़ रही है, जिससे इसकी उत्पादन और बिक्री में वृद्धि हो रही है।

 केर की खेती और इसके उत्पादों की मांग के बढ़ते अवसरों ने राजस्थान के टोंक जिले के गांवों के लोगों को नई राहत दी है। यहां के किसानों को न केवल अच्छी कमाई का मौका मिल रहा है, बल्कि इससे गांव की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो रहा है। इससे यह साबित होता है कि राजस्थान के केर उत्पादों की मांग और उनकी उपज में स्थानीय लोगों का अहम योगदान है।

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