बकरी पालन योजना: आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम, पशुपालकों को बकरी पालन के लिए 50 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराने की योजना

saneha verma
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बकरी पालन योजना: आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम, पशुपालकों को बकरी पालन के लिए 50 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराने की योजना

 Today Haryana : भारत सरकार और राजस्थान सरकार की नवीनतम पहल, बकरी पालन योजना, ग्रामीण भारत के लिए एक नई सुबह लेकर आई है। इस योजना के तहत, पशुपालकों को बकरी पालन के लिए 50 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराने की योजना है, जिससे वे अपने छोटे या बड़े स्तर के व्यवसाय को आगे बढ़ा सकें।

बकरी पालन योजना का उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य बकरी पालन को बढ़ावा देना, राज्य में रोजगार के अवसर सृजित करना, पशुपालक किसानों की आय में वृद्धि करना और बेरोजगारी दर को कम करना है।

बकरी पालन योजना सब्सिडी

इस योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले ऋण पर राज्य सरकार द्वारा भारी सब्सिडी भी प्रदान की जाती है। राजस्थान में 50% और हरियाणा में 90% तक की सब्सिडी उपलब्ध है, जिससे ऋण लेने वाले किसानों पर वित्तीय बोझ कम होता है।

बकरी पालन ऋण की ब्याज दर

ऋण पर लगने वाली ब्याज दर 11.6% है, लेकिन इसे कोलेट्रल फ्री ऋण के रूप में प्रदान किया जाता है, जिसका अर्थ है कि इसके लिए किसी भी प्रकार की संपत्ति या कीमती वस्तु को गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं होती।

बकरी पालन योजना दस्तावेज

आवेदन के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, जमीन संबंधी दस्तावेज, आय प्रमाण पत्र और बैंक खाता आवश्यक हैं।

बकरी पालन योजना आवेदन कैसे करें

आवेदन प्रक्रिया सरल है। पहले अपने नजदीकी पशु चिकित्सा केंद्र से आवेदन पत्र प्राप्त करें, उसे भरें, और जरूरी दस्तावेजों के साथ जमा करें। इसके बाद, ऋण की धनराशि आपके बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी।

इस योजना के माध्यम से, राजस्थान सरकार ग्रामीण भारत के विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। यह योजना न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी।

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