प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बाड़मेर में हुई जनसभा के बाद से राज्य की तीन प्रमुख लोकसभा सीटों पर सियासी हवा का रुख बदलता
Today Haryana : राजस्थान की राजनीति में लोकसभा चुनावों के पूर्व एक नया मोड़ आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बाड़मेर में हुई जनसभा के बाद से राज्य की तीन प्रमुख लोकसभा सीटों पर सियासी हवा का रुख बदलता नजर आ रहा है। इन सीटों पर बीजेपी के पक्ष में प्रचार करने के बाद, जमीनी स्तर पर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं।
सूत्रों के अनुसार, अगर माहौल में बदलाव नहीं होता है, तो कुछ विधायक और बड़े नेता दल-बदल कर सकते हैं। झुंझुनूं लोकसभा सीट पर इसकी संभावना अधिक है, जहां पिछली बार के लोकसभा प्रत्याशी इस बार विधायक हैं और उनकी नाराजगी स्पष्ट दिखाई दे रही है।
किरोड़ी लाल मीणा का राजनीतिक दांव
दौसा में भी बड़े उलटफेर की संभावना है। प्रधानमंत्री मोदी के रोड शो के बाद, मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा देने की बात कही है, जिससे राजनीतिक चर्चाएं गर्म हैं।
बाड़मेर लोकसभा सीट पर बदलते समीकरण
बाड़मेर लोकसभा सीट पर प्रधानमंत्री मोदी की जनसभा के बाद स्थानीय सियासत में बदलाव देखा गया है। पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह की बीजेपी में वापसी और निर्दलीय चुनाव लड़ रहे रविंद्र सिंह भाटी के प्रदर्शन पर सभी की नजरें हैं।
विधायकों की सांसद बनने की इच्छा
दौसा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे मुरारी लाल मीणा और झुंझुनूं से बृजेन्द्र सिंह ओला, दोनों वर्तमान में विधायक हैं और सांसद बनने की आशा में हैं। इन सीटों पर उपचुनाव की संभावना और नए चेहरों को मौका मिलने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी की रैली के बाद राजस्थान की राजनीति में जो उथल-पुथल हुई है, उसके परिणाम आने वाले चुनावों में स्पष्ट होंगे। इन सियासी घटनाक्रमों का असर न केवल लोकसभा चुनावों पर पड़ेगा, बल्कि राज्य की राजनीतिक दिशा और दशा पर भी पड़ेगा।