किसान केसरी नई दिल्ली: देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे देश के लिए लाभकारी साबित होगा। एक्सप्रेसवे से पंजाब से गुजरात पहुंचने में 23 घंटे की जगह सिर्फ 13 घंटे लगेंगे।
इससे न केवल लोगों का समय बचेगा, बल्कि लाखों रुपये का कीमती ईंधन भी बचेगा। इसके अलावा, एक्सप्रेसवे हर साल करोड़ों रुपये की बिजली पैदा करेगा।
अमृतसर जामनगर एक्सप्रेसवे पर सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने के लिए एक्सप्रेसवे की खाली जमीन पर सोलर प्लांट लगाया जाएगा। एक्सप्रेसवे के राजस्थान खंड पर भी काम शुरू हो गया है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने सौर संयंत्र स्थापित करने के लिए पश्चिमी राजस्थान में बिजली वितरण कंपनी जोधपुर डिस्कॉम के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस समझौते के तहत 25 मेगावाट क्षमता के छह सोलर प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. राजस्थान में एक्सप्रेसवे की जमीन पर 21 स्थानों पर सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। शुरुआत में छह स्थानों पर प्लांट लगाने के लिए चार कंपनियों को टेंडर जारी किए गए हैं।
यहां सबसे पहले सोलर प्लांट बनाए जाएंगे
हनुमानगढ़ जिले में कोला, बीकानेर में मलकीसर, गोपालियां रोड, नोरंगदेसर, राशिसर, जोधपुर में भीकमकोर और ढांढणिया शासन गांवों में सोलर प्लांट लगाए जाएंगे।
इन प्लांटों से उत्पादित बिजली को जोधपुर डिस्कॉम 3.55 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से खरीदेगा। डिस्कॉम ने प्लांट लगाने के लिए चार कंपनियों को ठेका दिया है। सोलर प्लांट लगाने वाली कंपनियां एनएचआई को जमीन का किराया देंगी।
मई, 2024 तक तैयार हो जाएगा
छह सोलर प्लांट 10 महीने में तैयार हो जाएंगे। इन्हें अगले साल मई तक पूरा करने का लक्ष्य है। सोलर प्लांट 25 साल की अवधि के लिए लगाए जाएंगे। बिजली उत्पादन कंपनियां एनएचएआई को जमीन का किराया चुकाएंगी। इससे एनएचएआई को भी अच्छी आय होगी.
पूरे एक्सप्रेस-वे पर सोलर प्लांट लगाए जाएंगे
NHAI की योजना पूरे अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे पर सोलर प्लांट लगाने की है. राजस्थान के बाद पंजाब, हरियाणा और गुजरात में 70 से 80 मेगावाट क्षमता के प्लांट लगेंगे। इन तीनों राज्यों में सोलर प्लांट के लिए जगह की पहचान की जा रही है.