मक्का की खेती का महत्व, खरीफ में मक्का के साथ अधिक पैदावार के लिए अद्वितीय विकल्प

saneha verma
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मक्का की खेती का महत्व, खरीफ में मक्का के साथ अधिक पैदावार के लिए अद्वितीय विकल्प

Today Haryana : बिहार के खेतीकर अब मक्का की खेती में नई दिशा देख रहे हैं। अब खरीफ में मक्के के साथ-साथ झिंगी, उड़द या अरहर की भी खेती कर रहे हैं। इससे किसानों को अधिक आमदनी की संभावना है और खेती के लिए समर्थन मिलता है।

खरीफ में मक्का की खेती अब नए अंदाज में

बिहार के खेतीकर अब खरीफ में मक्का की खेती में नई दिशा देख रहे हैं। मक्का के साथ-साथ अन्य फसलों की मिश्रित खेती का प्रयास किया जा रहा है। यह नया अभियान किसानों को अधिक आमदनी की संभावना प्रदान कर रहा है और उन्हें समृद्धि की ओर अग्रसर कर रहा है।

बिहार में मक्का की खेती का महत्व

बिहार में मक्का की खेती का महत्व अत्यधिक है। खरीफ के सीजन में मक्के की खेती विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस सीजन में मक्के के साथ-साथ अन्य फसलों की खेती करने से किसानों को अधिक लाभ होता है।

खेती की तैयारी में ध्यान देने योग्य बातें

खेती की तैयारी में कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। जैसे कि गहरी जोताई, खेत में गोबर की खाद का उपयोग, और प्रायोजित जलनिकासी का समय पर निर्वहन। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर ही खेती के लिए तैयारी की जा सकती है।

मिश्रित खेती: एक संभावना

मिश्रित खेती की प्रणाली का उपयोग करके किसानों को अधिक लाभ हो सकता है। इस प्रणाली के तहत मक्के के साथ-साथ अन्य फसलों की खेती करने से उन्हें अधिक आय मिल सकती है और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है।

नए अवसर: खरीफ में खेती का संघर्ष

खरीफ में खेती का संघर्ष कभी भी आसान नहीं होता है। लेकिन मिश्रित खेती के अद्वितीय अवसर किसानों को आत्मविश्वास देते हैं। इससे न केवल उनकी आय बढ़ सकती है, बल्कि उनकी संभावनाएं भी बढ़ सकती हैं।

 बिहार के किसान अब मक्के की खेती में नए अवसरों की ओर बढ़ रहे हैं। मिश्रित खेती की प्रणाली उन्हें अधिक लाभ प्रदान कर सकती है और उनकी संभावनाओं को बढ़ा सकती है। इससे न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि खेती के क्षेत्र में भी नए उत्थान की संभावना होगी।

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