बालामुरुगन की यह कहानी: इस गरीब परिवार के बेटे ने किया IFS पद पर उच्च पद हासिल   

saneha verma
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बालामुरुगन की यह कहानी: इस गरीब परिवार के बेटे ने किया IFS पद पर उच्च पद हासिल

 Today Haryana : गरीबी के घेरे में पलकर, शिक्षा के लिए जीने वाले बालामुरुगन ने अपनी मेहनत और जज्बे से IFS (भारतीय वन सेवा) के पद पर ऊंचाई हासिल की है। उनकी कहानी बच्चों से लेकर बड़ों तक को प्रेरित कर रही है।

बालामुरुगन के परिवार में आठ भाई-बहन थे, जहां मां एकल कमाने वाली थीं। परिवार के आर्थिक संकटों के बावजूद, मां ने शिक्षा को महत्व दिया। बच्चों की पढ़ाई के लिए मां ने अपने गहने बेच दिए और उन्हें आगे बढ़ाने का साहस दिखाया।

बालामुरुगन के जीवन में एक मोड़ आया, जब उन्हें अखबार बेचने का मौका मिला। वह सिर्फ नौ साल के थे जब उन्होंने अपने जीवन के पहले कदम रखा। उनकी मेहनत और उनका जाज़बा ने उन्हें उनके सपनों की ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

इनकी मेहनत ने उन्हें अखबार बेचने के सिर्फ दिनों में ही 300 रुपये कमाने का मौका दिया। यह सिर्फ एक नौकरी नहीं थी, बल्कि यह उनके सपनों की शुरुआत थी।

उन्होंने अपने लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्पण और मेहनत से काम किया। उन्होंने वन सेवा में प्रवेश पाने के लिए बहुत संघर्ष किया, लेकिन उनका संघर्ष उन्हें मनचाहे मकाम पर पहुंचने में मदद की।

आज, बालामुरुगन एक सफल आईएफएस अधिकारी हैं और उनकी कहानी एक प्रेरणास्त्रोत है। उनका संघर्ष और उनकी मेहनत ने उन्हें उनके सपनों की दुनिया में ले जाया है।

इसके साथ ही, उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता के लिए आवाजाही का महत्व है। चाहे जितना भी मुश्किल क्यों न हो, जीवन में मेहनत और संघर्ष से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।

अब जब आप बालामुरुगन की कहानी सुन चुके हैं, तो आप भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपने अंतर्निहित जाज़बे को जागृत कर सकते हैं। बस यही नहीं, आप भी अपने जीवन की दिशा में बदलाव ला सकते हैं और समाज में अपनी छाप छोड़ सकते हैं।

हम सभी को इस सफलता की कहानी से प्रेरित होकर अपने सपनों की पूर्ति के लिए मेहनत और जाज़बे से काम करने की प्रेरणा लेनी चाहिए।

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