सरसों का भाव: सरसों के भाव में गिरावट, किसान मंडियों में झेल रहे नुकसान, ये मिल रहा है सरसों का भाव.

saneha verma
2 Min Read

सरसों का भाव: सरसों के भाव में गिरावट, किसान मंडियों में झेल रहे नुकसान, ये मिल रहा है सरसों का भाव.

 Today Haryana : किसानों के सामने इस वर्ष सरसों की फसल को लेकर एक नई चुनौती उत्पन्न हो गई है। जहां एक ओर सरकारी खरीद की प्रक्रिया में देरी हो रही है, वहीं दूसरी ओर किसानों को अपनी फसल को बाजार में कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

सरसों की आवक और एमएसपी हरियाणा की मंडियों में सरसों की आवक शुरू हो चुकी है, लेकिन सरकारी खरीद की प्रक्रिया 28 मार्च से आरंभ होने वाली है। इस बीच, किसानों को अपनी फसल को निजी व्यापारियों को औने-पौने दाम पर बेचना पड़ रहा है। जींद अनाज मंडी में तो एक हजार क्विंटल सरसों की आवक हो चुकी है, लेकिन खुली बोली में सरसों का भाव 4800 से 5100 रुपये प्रति क्विंटल तक ही पहुंच पा रहा है, जो कि सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,650 रुपये से काफी कम है।

किसानों की दोहरी मार: किसानों को इस वर्ष दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। पहले तो ओलावृष्टि के कारण फसल की पैदावार पर असर पड़ा और अब बाजार में कम भाव मिलने से उन्हें प्रति क्विंटल 550 से 700 रुपये तक का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। फिलहाल, सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है और न ही भावांतर योजना में इसके नुकसान की भरपाई की कोई जानकारी मिली है।: साल 2024 में सरसों का उत्पादन और भाव को लेकर भी चिंता का माहौल है। तेल मिलों की खरीद कमजोर बनी रहने और दैनिक आवकों में बढ़ोतरी के कारण सरसों में मंदी देखी जा रही है।

इस स्थिति में किसानों के सामने अपनी फसल की लागत निकाल पाने की बड़ी चुनौती है। सरकार और संबंधित अधिकारियों से उम्मीद की जा रही है कि वे इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द निकालेंगे और किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य प्रदान करेंगे।

Share This Article
Leave a comment