Sarkari Yojana: वर्तमान में, सुगंधित तेल का व्यवसाय रिकॉर्ड स्तर पर है। यह तेल विभिन्न तरीकों से उपयोग होता है। इसका प्रयोग फेंग शुई से लेकर घरों की सुगंध सुविधा के लिए भी किया जाता है।
यह तेल अरोमा डिफ्यूजर में भी उपयोग होता है। यदि आप इस तेल का निर्माण करना चाहते हैं, तो सरकारी सहायता के साथ घर पर इसका पौध लगा सकते हैं। इस पौधे में लेमनग्रास, मेंथा आदि के तेल का निर्माण किया जा सकता है। यदि आप घर पर इस पौधे को लगाना चाहते हैं, तो बिहार सरकार ढाई लाख रुपये की सब्सिडी प्रदान कर रही है।
वास्तव में, बिहार सरकार किसानों को इस सब्सिडी का लाभ मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत प्रदान कर रही है। आइये देखें क्या है योजना और कैसे मिलेगा लाभ
तेल प्लांट लगाने पर सब्सिडी का लाभ
बिहार कृषि विभाग और बागवानी निदेशालय की जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत तेल निर्माण प्लांट लगाने पर सरकार 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है। इसका मतलब है कि किसानों को इस प्लांट की लगान की लागत के लिए ढाई लाख रुपये की उपयोगी दिनचर्या की जा सकती है।
सब्सिडी के लाभ प्राप्त करने के लिए यह कदम उठाएं
- किसान को ऑनलाइन आवेदन करने के लिए पहले राज्य सरकार की हॉर्टिकल्चर वेबसाइट पर जाना होगा।
- आधिकारिक वेबसाइट के होम पेज पर पहुँचने के बाद, योजनाएँ विकल्प को चुनें।
- विकल्प का चयन करने के बाद, मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना को खोजें और उस पर क्लिक करें।
- आपको आसवन संयंत्र इकाई के लिए आवेदन करने का विकल्प मिलेगा, जिस पर क्लिक करें।
- आवेदन प्रक्रिया में आगे बढ़ने के लिए, आपके सामने एक पंजीकरण फॉर्म खुलेगा।
- फॉर्म को ध्यानपूर्वक और सही जानकारी के साथ भरें।
- सभी आवश्यक जानकारी भरने के बाद, आपका आवेदन सफलतापूर्वक जमा हो जाएगा।
यहाँ से प्राप्त करें योजना से संबंधित जानकारी
यदि आप बिहार के किसान हैं और सुगंधित तेल निर्माण प्लांट स्थापित करना चाहते हैं, तो सरकार आपके लिए सब्सिडी प्रदान कर रही है। इस योजना के तहत, किसानों के साथ-साथ कृषक समूह, गैर-सरकारी संगठन, स्वयंसेवी संस्थाएं, और व्यापारी भी इस सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं।
यह सब्सिडी बिहार सरकार द्वारा प्रदान की जा रही है। इस सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए, आप वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in के लिंक पर जा सकते हैं।
इसके अलावा, किसान अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि या बागवानी विभाग के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।