पंजाब के किसानों के लिए नहरी पानी: किसानों के लिए यह एक बड़ी राहत का संकेत 

saneha verma
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पंजाब के किसानों के लिए नहरी पानी: किसानों के लिए यह एक बड़ी राहत का संकेत 

Today Haryana : भूजल स्तर में गिरावट के खतरे के सामने पंजाब सरकार ने नहरी पानी की बड़ी योजनाओं पर दायर किए कदम। किसानों के लिए यह एक बड़ी राहत का संकेत है।

नहरी पानी का अद्भुत उपयोग

पंजाब में नहरी पानी की बरसात नहीं बल्कि आधुनिक कृषि की समृद्धि का संकेत है। नहरी पानी का उपयोग केवल खेती में ही नहीं, बल्कि भूजल स्तर को बचाने में भी आवश्यक है। पंजाब सरकार ने मालवा नहर प्रोजेक्ट और शाहपुर कंडी बांध योजना जैसी योजनाओं को शुरू किया है जो किसानों के लिए बड़ा लाभप्रद है।

भूजल की सुरक्षा

भूजल स्तर में गिरावट के खतरे के सामने पंजाब की सरकार ने नहरी पानी को एक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में पुनः जीवंत करने का निर्णय लिया है। इससे न केवल खेती में वृद्धि होगी बल्कि भूजल स्तर को भी बचाया जा सकेगा।

किसानों का सहयोग

किसानों को नहरी पानी के लाभ से जोड़ने के लिए पंजाब सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। मालवा नहर प्रोजेक्ट और शाहपुर कंडी बांध योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से नहरी पानी को किसानों के खेतों तक पहुंचाया जा रहा है।

भूजल की सुरक्षा के लिए संघर्ष

पंजाब में भूजल स्तर की गिरावट के संघर्ष में किसान यूनियनों ने भी अपनी भूमिका निभाई है। उन्होंने नहरी पानी की मांग करते हुए धरने-प्रदर्शन किए हैं और सरकार से अपनी मांगें रखी हैं।

नहरी पानी का आवश्यकता का अनुमान

पंजाब में खेती के लिए हर साल करीब 54 एमएएफ पानी की आवश्यकता है, जिसमें से 14 एमएएफ पानी नहरों से मिलता है। नहरी पानी के अभाव में किसानों को अधिक ट्यूबवेलों का इस्तेमाल करना पड़ता है, जो भूजल स्तर को और अधिक नुकसान पहुंचाता है।

नहरी पानी की अहमियत

नहरी पानी का उपयोग न केवल खेती में ही बल्कि भूजल स्तर की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है। इसे सुनिश्चित करने के लिए पंजाब सरकार के द्वारा शुरू की गई योजनाएं एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इन योजनाओं के माध्यम से नहरी पानी को खेतों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है, जो न केवल किसानों के लिए फायदेमंद होगा बल्कि भूजल स्तर को बचाने में भी सहायक होगा।

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