राजस्थान की राजनीति में राजपूतों का लगभग अंत: सुरेन्द्र सिंह बडेर
Today Haryana : जयपुर, राजस्थान की राजनीति में राजपूतों के महत्वपूर्ण स्थान पर अब उनका लगभग अंत दिखाई दे रहा है। भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपनी प्रत्याशी सूची जारी की है, जिसमें राजपूतों को केवल एक ही टिकट दिया गया है। इस समय यह जाहिर हो रहा है कि भाजपा का राजस्थान में राजपूतों के प्रति ध्यान कम हो रहा है और यह संकेत दे रहा है कि वे अब इस प्रतिकूल परिस्थिति में खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं।
राजनीतिक संगठनों की आस टूटी
यह निष्कर्ष निकाला गया है कि राजस्थान की राजनीति में राजपूत समुदाय का विशेष महत्व था, लेकिन अब यह समुदाय सरकार की नीतियों के खिलाफ हो रहा है। भाजपा ने अपनी प्रत्याशी सूची में केवल एक ही राजपूत प्रत्याशी को टिकट दिया है, जो इस समुदाय के लोगों में असंतोष का कारण बना है।
भाजपा की राजपूतों के प्रति ध्यान कम होने की चिंता
विशेषज्ञों का मानना है कि राजपूत समुदाय के लिए भाजपा का ध्यान कम होना चिंता का कारण है। भाजपा की यह नीति समाज के अभिवृद्धि के लिए खतरनाक हो सकती है और यह भाजपा के लिए भी नुकसानदायक साबित हो सकता है।
राजस्थान की राजनीतिक मान्यताएं
राजस्थान की राजनीतिक मान्यताओं के अनुसार, राजपूत समुदाय का महत्वपूर्ण स्थान था। उनका अभाव राजनीतिक संगठनों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षति हो सकता है।