आलू की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी, बढ़ती मांग और उत्पादन में गिरावट का असर

saneha verma
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आलू की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी, बढ़ती मांग और उत्पादन में गिरावट का असर

Today Haryana : नई दिल्ली, भारतीय खाद्य बाजार में आलू की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी का संकेत मिल रहा है। आलू का होलसेल रेट भी पिछले महीने के मुकाबले अधिक होकर रहा। बाजार देखने वालों का कहना है कि इसमें मांग और सप्लाई में अंतर की वजह से बढ़ोतरी हो रही है।

आलू की बढ़ती कीमतें:
आलू की होलसेल रेट अब 1,944 रुपये प्रति क्विंटल है, जो पिछले महीने के मुकाबले 11.44 फीसदी अधिक है। इसके साथ ही पिछले साल की तुलना में भी यह रेट 33.18 फीसदी अधिक है। व्यापारियों का कहना है कि उत्पादन में गिरावट की वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई है।

उत्पादन में गिरावट का कारण:
व्यापारियों के अनुसार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे प्रमुख आलू उत्पादक राज्यों में उत्पादन में गिरावट आई है। इसके साथ ही कोल्ड स्टोरेज में लोडिंग में भी कमी आई है, जिससे आलू के स्टॉक में भी कमी हो रही है।

मौसम का प्रभाव:
पिछले साल की नवंबर महीने में हुई बेमौसम बारिश के कारण आलू की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा था। इससे उत्पादन में गिरावट आई है, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है।

महंगाई का संकेत:
यहाँ तक कि खुदरा बाजार में भी आलू की कीमतों में वृद्धि हो रही है। जहां पिछले महीने आलू की कीमत 20 रुपये प्रति किलो थी, वहीं अब यह 26 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। ओडिशा में भी आलू की कीमत में वृद्धि की गई है, जहां यह 30 रुपये प्रति किलो है।

आलू का भविष्य:
व्यापारियों का कहना है कि आलू की कीमतें और भी ऊंची रहने की उम्मीद है, क्योंकि इस साल की उत्पादन संख्या में कमी की संभावना है। आलू के उत्पादन की अनुमानित गिरावट के चलते यह संभावना है कि इस साल उत्पादन 58.99 मिलियन टन होगा, जो पिछले वर्ष की तुलना में कम है।

आलू की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी ने आम जनता के किचन के बजट को बिगाड़ दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि मूल्यों को संतुलित किया जा सके और आम जनता को राहत मिल सके।

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