लाल भिंडी की खेती : आज ही करें लाल भिंडी की खेती, होगी 25 लाख तक की कमाई, जानिये खेती करने का तरीका

Rakesh Gusaiana
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Business Idea, Cultivation of Red Okra : भारत में किसान आज परंपरागत खेती की बजाय बागवानी में रुचि दिखा रहे हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, और राजस्थान जैसे राज्यों में किसान अमरूद, सेब, आंवला, हरी सब्जियों की खेती करके नए दिशाओं की ओर बढ़ रहे हैं। इससे उनकी आय में वृद्धि दर्ज हुई है। हम आज एक ऐसी सब्जी की चर्चा करेंगे, जिसकी खेती से किसानों को कम लागत में अधिक आय हो सकती है। यह सब्जी एक वर्ष में कई बार उगाई जा सकती है और लोगों की पसंदीदा है।

हम यहाँ बात कर रहे हैं “लाल भिंडी” की, जिसकी फार्मिंग हरी भिंडी की तरह ही की जाती है, लेकिन इससे कमाई अधिक हो सकती है। यहाँ पर आपको दिलचस्पी रहेगी कि लाल भिंडी का मांग मूल्य हरी भिंडी की तुलना में अधिक होता है।

आमतौर पर, लोग जिन्हें आर्थिक रूप से सशक्त होते हैं, वे लाल भिंडी का सेवन करते हैं। इसका उत्पादन कई राज्यों में होता है और यहाँ के किसान इसकी खेती में लगे हैं।

लाल भिंडी हरी भिंडी की तुलना में अधिक विटामिन्स और पोषण सामग्री प्रदान करती है। इसके सेवन से लोग स्वस्थ रहते हैं। किसान भाइयों के लिए, लाल भिंडी की खेती करने से उनकी आय में वृद्धि हो सकती है।

यदि आप इसे बढ़ी रूप से खेती करते हैं, तो आपके पास मानव और पूष्टिकर्मिक संसाधनों की अधिक स्त्रोत होते हैं। इस रूप में, लाल भिंडी आपके किसानी में नई उम्मीदों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

मिट्टी का PH मान 6.5 से 7.5 अच्छा होता है

लाल भिंडी की बोने जाने वाली खेती में साल में दो बार की जाती है। पहली बार ग्रीष्मकाल में, जिसमें फरवरी और मार्च के महीनों में बोने जाते हैं, और दूसरी बार वर्षा के मौसम में, जून से लेकर जुलाई और अगस्त के पहले पखवाड़े तक की जाती है।

इसका अर्थ है कि आप लाल भिंडी की फार्मिंग को साल में दो बार कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, लाल भिंडी की बुवाई और सिंचाई भी हरी भिंडी की तरही विशेष ध्यान देने योग्य है।

लाल भिंडी की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी डोमट मिट्टी की मानी जाती है, और इसमें अच्छी जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए। खास बात यह है कि खेत में जलभराव होने के बाद लाल भिंडी के पौधों को नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए जल निकासी की अच्छी प्रबंधन की जरूरत होती है। लाल भिंडी की खेती के लिए मिट्टी का pH मान 6.5 से 7.5 के बीच होना आवश्यक होता है।

लाल भिंडी में क्लोरोफिल की जगह एंथोसाइनिन अधिक मात्रा में होता है, जिससे वह लाल दिखती है। इसके साथ ही, यह कैल्शियम, आयरन, और जिंक भी अधिक मात्रा में प्रदान करती है।

इससे शरीर स्वस्थ और मजबूत रहता है। लाल भिंडी की मांग बाजार में हमेशा हरी भिंडी की तुलना में अधिक रहती है, जिससे इसकी कीमत भी अधिक होती है। जब महंगाई बढ़ती है, तो इसकी कीमत 500 रुपये प्रति किलो तक भी पहुंच सकती है।

आपके एक एकड़ जमीन पर अनुमानित 50 से 60 क्विंटल लाल भिंडी की पैदावार हो सकती है, जिससे आप एक ही सीजन में 25 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं।

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