श्रीगंगानगर: राजस्थान में किसानों के लिए एक बड़ा समाचार है कि श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ सहित राज और में 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा रही है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर रबी विपणन सीजन 2024-25 के लिए यह लक्ष्य तय किया है। गेहूं की इस खरीद के लिए प्रति क्विंटल 125 रुपए अतिरिक्त राशि का भुगतान किया जाएगा। इससे किसानों को मिलेगा सुरक्षित मार्ग अपनी फसलों को बेचने का और सरकारी समर्थन का अवसर।
राजस्थान में रबी सीजन में बोई गई 28 लाख 51 हजार 480 हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की फसल को देखते हुए, श्रीगंगानगर खंड में ही 12 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया गया है। इससे स्थानीय किसानों को एक नया उत्साह मिलेगा और क्षेत्र की आर्थिक रूपरेखा में सुधार होगा। पिछले वर्ष श्रीगंगानगर खंड में 4 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई थी, जो कि इस बार के लक्ष्य से कहीं कम थी।
गेहूं की खरीद के लिए प्रदेश में 470 खरीद केंद्र बनाए गए हैं, जिससे किसानों को अधिक सुविधा होगी और वे अपनी फसलें आसानी से बेच सकेंगे। ऑनलाइन पंजीकरण 20 जनवरी से शुरू हो रहा है और 25 जून तक किया जाएगा। इसके लिए विभाग ने एक पोर्टल शुरू किया है जिससे किसान सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक अपना पंजीकरण कर सकते हैं।
प्रमुख शासन सचिव की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में यह निर्णय लिया गया कि इस बार 100 क्विटल से अधिक गेहूं का बेचाने पर गिरदावरी नहीं ली जाएगी। साथ ही पंजीकरण के समय गिरदावरी की अनिवार्यता समाप्त की जाएगी, जिससे किसानों को अधिक सुरक्षित महसूस होगा। गेहूं खरीद कार्य कोटा संभाग में 15 मार्च से एवं शेष जिलों में एक अप्रैल से 30 जून तक किया जाएगा। राज्य में हालांकि मार्च से 30 जून 2024 तक गेहूं खरीद करने का निर्णय किया जा चुका है।
इस समर्थन मूल्य योजना के माध्यम से राजस्थान सरकार ने किसानों को एक नया उत्साह दिया है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए समर्थन प्रदान किया है। गेहूं के खरीद की इस योजना से न केवल किसानों को न्याय मिलेगा, बल्कि यह भी राजस्थान की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करेगा।
जीरा उत्पादन में राजस्थान अव्वल, दुनिया में जीरे की 80 प्रतिशत डिमांड पूरी कर रहा है
इसके अलावा, राजस्थान ने जीरा उत्पादन में अपनी पहचान बनाई है और दुनिया भर में जीरे की 80 प्रतिशत डिमांड पूरी कर रहा है। राजस्थान के कृषि सेक्टर का यह उत्कृष्टता दिखाता है कि राज्य सरकार किसानों के साथ साथ अन्य कृषि उत्पादकों के लिए भी समर्थन प्रदान कर रही है।
इस समय, राजस्थान कृषि सेक्टर में हो रहे बदलाव के साथ, किसानों को अधिक समर्थन मिलने वाला है और इससे राज्य की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। यह स्थानीय किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद की यह योजना किसानों को साझेदार बनाने का एक और उदाहरण है, जिससे वे अपनी मेहनत का मूल्य बेहतरीन तरीके से प्राप्त कर सकते हैं। राजस्थान सरकार का यह कदम किसानों के लिए एक बड़ी राहत है और उन्हें आने वाले समय में भी सुरक्षित महसूस करने में मदद करेगा।