UPSC Success Story: किसानों के बेटों की उच्च उपलब्धियां, चौधरी बिरजू गोपाल और मोहन मंगावा ने अपने प्रयासों से यूपीएससी में सफलता की हासिल  

saneha verma
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UPSC Success Story: किसानों के बेटों की उच्च उपलब्धियां, चौधरी बिरजू गोपाल और मोहन मंगावा ने अपने प्रयासों से यूपीएससी में सफलता की हासिल

Today Haryana : सीकर जिले के सौंथलिया और बस्सी गांव के निवासियों ने अपनी मेहनत और संघर्ष से यूपीएससी परीक्षा 2023 में शानदार प्रदर्शन किया है। यह विशेष रूप से उन युवाओं के लिए प्रेरणास्पद है जो गांवों से होकर भारतीय पढ़ाई व्यवस्था के तहत अध्ययन करते हैं।

चौधरी बिरजू गोपाल: किसान के बेटे का उच्च स्थान

चौधरी बिरजू गोपाल, सौंथलिया के निवासी, ने अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में शानदार 187वीं रैंक हासिल की है। उनका सफलतापूर्वक प्रयास उनकी लगन और समर्पण का परिणाम है। वे अपने पूर्व प्रयास में इंटरव्यू तक नहीं पहुंच पाए थे, लेकिन अपनी मेहनत और आत्मविश्वास के साथ यूपीएससी 2023 में सफल हो गए।

मोहन मंगावा: 

बस्सी गांव के रहने वाले मोहन मंगावा ने भी अपने प्रयासों से यूपीएससी में सफलता हासिल की है। उन्होंने नौकरी के बाद यूपीएससी की तैयारी की और अपनी मेहनत का परिणाम 551वीं रैंक में देखा। उनकी कहानी युवाओं को आत्मविश्वास और सामर्थ्य का संदेश देती है।

गांवों से निकलकर यूपीएससी में सफल होने वाले युवाओं की इस सफलता ने उनके परिवारों को भी गर्वित किया है। इससे साफ होता है कि अगर किसानों के बच्चे सही मार्गदर्शन और मेंटरिंग प्राप्त करें, तो वे भी किसी भी क्षेत्र में अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।

यह सफलता न केवल इन युवाओं के लिए है, बल्कि इससे देश को भी बहुत सारे प्रेरणास्पद संकेत मिलते हैं। गांवों में शिक्षा और अध्ययन को प्रोत्साहित करने वाले योजनाओं की और अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि हर किसी को अपने सपनों को पूरा करने का अवसर मिले।

इन सफल युवाओं की कहानियों से हमें यह सिखना चाहिए कि मेहनत, लगन और संघर्ष से हम किसी भी मानव अवस्था में सफलता को हासिल कर सकते हैं। गांवों के युवाओं को सही मार्गदर्शन और संबल मिले, यह उन्हें अधिक ऊँचाइयों की ओर ले जा सकता है।

इस समाचार के माध्यम से हम चौधरी बिरजू गोपाल और मोहन मंगावा को उनकी सफलता की हार्दिक बधाई देते हैं और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं भेजते हैं। इसके साथ ही, हमें गांवों में शिक्षा के स्तर को और भी ऊंचा करने के लिए सक्रिय योजनाओं की जरूरत है ताकि देश के हर क्षेत्र से उत्कृष्टता की कोई सीमा न रहे।

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