आईएएस स्वाति मीना: खनन माफिया के खिलाफ दबंग अफसर की सफलता की कहानी, बेहद कम उम्र में स्वाति ने पास की यूपीएससी परीक्षा, परिवार ने किया था पूरा सहयोग.

saneha verma
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आईएएस स्वाति मीना: खनन माफिया के खिलाफ दबंग अफसर की सफलता की कहानी, बेहद कम उम्र में स्वाति ने पास की यूपीएससी परीक्षा, परिवार ने किया था पूरा सहयोग.

यूपीएससी परीक्षा को देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में गिना जाता है. इस परीक्षा को पास करने के लिए उम्मीदवारों को जी जान से मेहनत करनी पड़ती है. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपनी प्रतिभा और लगन से पहले ही प्रयास में इस परीक्षा को क्रैक कर देते हैं. ऐसी ही एक उदाहरण है आईएएस स्वाति मीना का, जिन्होंने महज 22 साल की उम्र में ही यूपीएससी परीक्षा में 260वीं रैंक हासिल की थी. उन्होंने अपने काम के दम पर खनन माफिया के खिलाफ दबंग अफसर की छवि बनाई है. आइए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी.

आईएएस स्वाति मीना
स्वाति मीना राजस्थान के सीकर जिले की रहने वाली हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा अजमेर से पूरी की थी. उनकी मां डॉ. सरोज मीना एक पेट्रोल पंप चलाती थीं. उनकी मां उन्हें डॉक्टर बनाना चाहती थीं, लेकिन स्वाति को बचपन से ही अधिकारी बनने का शौक था. उन्होंने अजमेर के सोफिया गर्ल्स कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की. उनके पिता आरएएस अधिकारी हैं. उन्होंने अपनी बेटी की यूपीएससी की तैयारी में बहुत मदद की थी.

स्वाति ने वर्ष 2007 में यूपीएससी परीक्षा दी. उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में इस परीक्षा को पास कर लिया. उन्होंने अखिल भारतीय रैंक 260 हासिल की. उन्हें मध्य प्रदेश कैडर मिला. उन्होंने अपने बैच में सबसे कम उम्र वाली महिला आईएएस अधिकारी का खिताब जीता. उनकी छोटी बहन भी 2011 में आईएएफ अधिकारी बनी.

खनन माफिया के खिलाफ दबंग अफसर
स्वाति मीना ने अपने कार्यकाल में खनन माफिया के खिलाफ कई अभियान चलाए. उन्होंने एमपी में खनन क्षेत्रों की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया. उन्होंने अवैध खनन करने वालों को पकड़वाया और उन पर कार्रवाई की. उन्होंने खनन माफिया के खिलाफ जनता को जागरूक करने के लिए भी कई कदम उठाए. उन्होंने खनन क्षेत्रों के आसपास रहने वाले लोगों को अपने अधिकारों के बारे में बताया. उन्होंने उन्हें अवैध खनन की शिकायत करने के लिए एक टोल फ्री नंबर भी दिया. उनके इस काम के लिए उन्हें एमपी सरकार ने भी सम्मानित किया.

स्वाति मीना ने अपने कार्यकाल में न केवल खनन माफिया के खिलाफ लड़ाई लड़ी, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी अच्छा काम किया. उन्होंने महिला और बाल विकास विभाग में सचिव के रूप में काम करते हुए महिलाओं और बच्चों के लिए कई योजनाओं को लागू किया. उन्होंने बाल श्रम, बाल विवाह, महिला शोषण, लिंग असंतुलन जैसे मुद्दों पर जागरूकता फैलाई. उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पड़ाओ|

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