तोरई की खेती: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में किसान वैज्ञानिक तरीके से उगाई जा रही तोरई की फसल ने किसानों को सिर्फ दो महीनों में लाखों रुपए की कमाई दिलाई

saneha verma
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  तोरई की खेती: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में किसान वैज्ञानिक तरीके से उगाई जा रही तोरई की फसल ने किसानों को सिर्फ दो महीनों में लाखों रुपए की कमाई दिलाई

 Today Haryana :  उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में किसान वैज्ञानिक तरीके से उगाई जा रही तोरई की फसल ने किसानों को सिर्फ दो महीनों में लाखों रुपए की कमाई दिलाई है। इस फसल की उच्च उत्पादकता के कारण, किसान अब इससे अधिक मुनाफा कमा रहे हैं।

नर्सरी से लाखों की कमाई: किसान पंकज गंगवार ने बताया कि उन्हें सबसे पहले तोरई की नर्सरी तैयार करनी होती है। इससे केवल एक माह में ही तोरई की पौधे उगने लगते हैं और बाजार में यह फसल महंगी बिकती है। इसके अलावा, नर्सरी में रोग कम होते हैं, जिससे किसानों की लागत भी कम आती है।

आदर्श जलवायु और तापमान: तोरई की खेती के लिए गर्म और आदर्श जलवायु का होना जरूरी है। इसके लिए 25 से 37 डिग्री सेल्सियस का तापमान उत्तम माना जाता है। फसल के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच होना आवश्यक है।

खेती की विधि: तोरई की खेती के लिए नमीदार खेत में जैविक खाद डालने के बाद जुताई करनी चाहिए। इसके बाद खेत को समतल करके गड्ढे खोदने के बाद तोरई की पौधे रोपने चाहिए। समय से सिंचाई और गुड़ाई करनी चाहिए।

मुनाफा: तोरई की खेती से एक बीघा खेत में साठ से सत्तर हजार रुपए का मुनाफा होता है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है और वे लाखपति बन रहे हैं।

 तोरई की खेती एक आवश्यक फसल है जो किसानों को कम समय और लागत में बड़ा मुनाफा दिला सकती है। इसके लिए उचित तापमान और उत्तम खेती की विधि का पालन करना जरूरी है।

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