मूंग की उन्नत किस्में और बुवाई का सही समय, उन्नत किस्मों की खेती से किसान अधिक उत्पादन और बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं, जाने कैसे..
Today Haryana : भारत में मूंग की खेती विभिन्न राज्यों में दो मुख्य सीजन, जायद और खरीफ, में की जाती है। उन्नत किस्मों की खेती से किसान अधिक उत्पादन और बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं। जायद सीजन में मूंग की बुवाई मार्च से अप्रैल तक की जाती है। आइए जानते हैं कुछ उन्नत किस्मों के बारे में:
- मोहिनी: 70 से 75 दिन में पकने वाली यह किस्म पीला मोजक वायरस से मुक्त होती है और प्रति एकड़ 12 से 13 क्विंटल उत्पादन देती है।
- पूसा बैसाखी: 65 से 70 दिन में पकने वाली यह किस्म रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ 9 से 10 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन देती है।
- कृष्ण 11: यह अगेती किस्म 60 से 65 दिन में पककर तैयार होती है और प्रति एकड़ 10 से 12 क्विंटल उत्पादन देती है।
- पंत मूंग वन: खरीब और जायद दोनों सीजन में बोई जाने वाली यह किस्म खरीब में 75 दिनों और जायद में 60 दिन में पकती है।
- जवाहर मूंग 3: खरीफ और ग्रीष्म दोनों सीजनों में बोई जाने वाली यह किस्म में पीला मोजक और पाउडरी मिलडयू रोग कम लगता है।
- K 851: यह किस्म भी खरीफ और ग्रीष्म दोनों सीजन में बोई जाती है, जिसका पौधा मध्यम आकार का होता है और एक पौधे पर 50-60 फलियां लगती हैं।
इन उन्नत किस्मों को बोकर किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। खेती के इस आधुनिकीकरण से किसानों को न केवल अधिक उत्पादन मिलेगा, बल्कि उनकी आय में भी वृद्धि होगी।