नि:शुल्क बोरिंग योजना, किसानों के लिए सिंचाई की सुविधा में वृद्धि

saneha verma
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नि:शुल्क बोरिंग योजना, किसानों के लिए सिंचाई की सुविधा में वृद्धि

Today Haryana : उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के खेतों में सिंचाई की सुविधा में वृद्धि करने के लिए नि:शुल्क बोरिंग योजना की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत राज्य के किसान अपने खेतों में बोरिंग करवा सकेंगे और सिंचाई की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे। इस योजना के तहत किसानों को सरकारी सब्सिडी भी प्रदान की जाएगी।

योजना का उद्देश्य: किसानों को पर्याप्त मात्रा में पानी प्रदान करने के लिए नि:शुल्क बोरिंग योजना की शुरुआत की गई है। बोरिंग करवाने के लिए अधिक पैसा खर्च होने के कारण बहुत से किसान इस सुविधा का लाभ नहीं उठा पाते थे, खासकर छोटे किसान। इस योजना से छोटे और सीमांत किसानों को सिंचाई की सुविधा प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है।

योजना की विशेषताएँ: नि:शुल्क बोरिंग योजना के तहत छोटे जोत वाले किसानों को 5,000 रुपए, सीमांत किसानों को 7,000 रुपए और अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को 10,000 रुपए तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इस योजना में किसानों को पंपसेट लगाने की व्यवस्था स्वयं करनी होगी।

कौन ले सकता है योजना का लाभ: योजना का लाभ उत्तर प्रदेश के किसानों को होगा। इसके लिए कुछ मुख्य पात्रता और शर्तें हैं, जैसे कि आवेदक का उत्तर प्रदेश का निवासी होना, 0.2 हैक्टेयर भूमि होना, और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सामान्य वर्ग के किसान होना।

आवेदन प्रक्रिया किसानों को नि:शुल्क बोरिंग योजना के लिए आवेदन करने के लिए अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन पत्र डाउनलोड करना होगा। डाउनलोड किया गया आवेदन पत्र सही से भरकर जिले के लघु सिंचाई विभाग में जमा किया जाना होगा।

नि:शुल्क बोरिंग योजना: किसानों के लिए नया संघर्ष का उदाहरण नि:शुल्क बोरिंग योजना उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों में से एक है जो किसानों को सिंचाई की सुविधा में वृद्धि करने का मकसद रखती है। इस योजना के माध्यम से किसानों को खेतों में बोरिंग करवाने का मौका मिलेगा, जिससे उनकी उत्पादकता में वृद्धि होगी।

 नि:शुल्क बोरिंग योजना उत्तर प्रदेश के किसानों को सिंचाई की सुविधा में नई राह दिखा रही है। इस योजना के माध्यम से सरकार ने किसानों की आर्थिक सहायता करने का नया कदम उठाया है और उन्हें अधिक सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास किया है।

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