नए खेती तकनीक का उपयोग करके, उत्तर प्रदेश के किसानों को मिल रहा है मोटा मुनाफा 

saneha verma
3 Min Read

नए खेती तकनीक का उपयोग करके, उत्तर प्रदेश के किसानों को मिल रहा है मोटा मुनाफा

 Today Haryana : गेहूं और धान की परंपरागत खेती से हटकर, उत्तर प्रदेश के किसान अब नगदी वाली सब्जियों की खेती में अपने ध्यान को केंद्रित कर रहे हैं। इस नई खेती तकनीक के अनुसार, किसानों को मोटा मुनाफा हो रहा है।

इन नए खेती तकनीकों में हाइड्रोपोनिक फार्मिंग और पाली हाउस का उपयोग हो रहा है। कायमगंज के हाजीपुर निवासी किसान जयकुमार का कहना है कि उन्होंने बचपन से ही सब्जियों की खेती की है और इससे उन्हें तगड़ा मुनाफा होता रहा है।

इस नई खेती तकनीक के माध्यम से किसानों को खर्चों में भी कमी आती है। जबकि परंपरागत खेती में धान-गेहूं की खेती में बड़ी लागत आती है, तो नगदी वाली सब्जियों की खेती में लागत कम होती है।

किसान जयकुमार ने बताया कि उन्हें हाइड्रोपोनिक फार्मिंग करते समय अधिक मजदूरों की आवश्यकता नहीं होती है और सब्जियों की अच्छी बिक्री के कारण उन्हें मुनाफा मिलता है।

इन नई तकनीकों के उपयोग से किसानों को नियंत्रित माहौल में अधिक उत्पादकता भी मिल रही है। सब्जियों की खेती में यह तकनीक नियंत्रित परिस्थितियों में भी संभव है, जिससे किसानों को स्थिर मुनाफा हो सके।

किसान जयकुमार का कहना है कि सब्जियों की खेती में बिक्री के सीजन में उन्हें मिल रहा है मुनाफा। गर्मियों में हरी सब्जियों की डिमांड बढ़ जाती है और सब्जियों का बिक्री के समय भी मिलता है अच्छा मुनाफा।

हाइड्रोपोनिक फार्मिंग और पाली हाउस के माध्यम से खीरे, टमाटर, शिमला मिर्च जैसी सब्जियों की खेती की जा रही है। इन सब्जियों की खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है और वे अपने आय को बढ़ा रहे हैं।

किसानों का कहना है कि इन नई तकनीकों के उपयोग से खर्च कम हो रहा है, और वे अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। इसके साथ ही, इन तकनीकों के उपयोग से खेतों का प्रबंधन भी अधिक सहज हो रहा है।

इन नई खेती तकनीकों के उपयोग से उत्तर प्रदेश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग मिल रहा है। इन तकनीकों के उपयोग से उन्हें बाजार में स्थिरता मिल रही है और वे अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार रहे हैं।

किसानों का कहना है कि वे अब परंपरागत खेती से हटकर नई तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं और इससे उन्हें मोटा मुनाफा हो रहा है। उनका मानना है कि अगर यह तरीका और भी किसानों तक पहुंचाया जाए तो कृषि क्षेत्र में बदलाव आ सकता है।

Share This Article
Leave a comment