किसानों को ध्यान देने की जरूरत, गेहूं की कटाई से पहले सिंचाई में बनाएं यह बदलाव

saneha verma
3 Min Read

 किसानों को ध्यान देने की जरूरत, गेहूं की कटाई से पहले सिंचाई में बनाएं यह बदलाव

 Today Haryana : हरियाणा के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सलाह आई है। भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान के निदेशक ज्ञानेंद्र सिंह ने किसानों को ध्यान देने की सलाह दी है कि इस बार गेहूं की कटाई से पहले सिंचाई को नए तरीके से देखा जाए।

ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा, किसानों को गेहूं की कटाई के लिए उचित नमी की मात्रा बनाए रखने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही, सुरक्षित भंडारण के लिए सभी आवश्यक स्वच्छता के उपाय किए जाने चाहिए।

किसान हल्की सिंचाई कर सकते हैं ताकि मिट्टी की उचित नमी बनाए रखने में मदद मिले।

पीला रतुआ रोग से बचाव के लिए भी सलाह दी गई है। यदि तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से अधिक है, तो किसानों को विशेष ध्यान देने की सलाह दी गई है।

किसान उचित म्यूरेट ऑफ पोटाश या KNO3 का छिड़काव कर सकते हैं।

पहाड़ी क्षेत्रों में किसानों को पीला रतुआ या भूरा रतुआ रोग के प्रति सतर्क रहने की भी आवश्यकता है।

 गेहूं की कटाई के समय ध्यान देने योग्य सलाहें दी गई हैं:

  1. नमी का माप: गेहूं की कटाई के लिए उचित नमी की मात्रा बनाए रखें (12 से 3 प्रतिशत)।
  2. सुरक्षित भंडारण: भंडारण के लिए सभी आवश्यक स्वच्छता के उपाय करें।
  3. पीला रतुआ रोग से बचाव: अधिकतम तापमान में उपाय करें, यदि आवश्यक हो, म्यूरेट ऑफ पोटाश या KNO3 का छिड़काव करें।
  4. ध्यानपूर्वक सिंचाई: फसल कटाई से 8-10 दिन पहले सिंचाई बंद करें।

इन सलाहों का पालन करते हुए, किसान गेहूं की कटाई में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

इस सीजन में हरियाणा में गेहूं की खेती की गई है, जिसमें बड़ी उम्मीदें हैं। प्रशासन के अनुसार, लगभग 8 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आवक की उम्मीद है।

वैज्ञानिकों के अनुसार, बैसाखी के बाद गेहूं की कटाई शुरू होगी और 20 अप्रैल के बाद इसमें तेजी आएगी।

इस पर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक वीरेंद्र सिंह लाठर ने कहा, गेहूं की फसल के पकने में कम तापमान के कारण 10-15 दिन की देरी हो गई है।”

उन्होंने जारी किए गए तापमान के आंकड़ों के आधार पर कहा कि कटाई प्रक्रिया में और देरी हो रही है।

वैज्ञानिकों की सलाह का पालन करते हुए, किसान न केवल अपनी फसल की सुरक्षा कर सकते हैं, बल्कि अधिक पैदावार भी प्राप्त कर सकते हैं।

Share This Article
Leave a comment