भूजल स्तर के गिरावट से किसानों को सिंचाई की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने ड्रिप सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी की घोषणा की

saneha verma
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 भूजल स्तर के गिरावट से किसानों को सिंचाई की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने ड्रिप सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी की घोषणा की

Today Haryana : भूजल स्तर के गिरावट से किसानों को सिंचाई की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने ड्रिप सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी की घोषणा की है, लेकिन इसे पाने के लिए कुछ नियम हैं।

भारतीय कृषि में पानी की समस्या को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने किसानों को ड्रिप सिंचाई मशीन पर सब्सिडी प्रदान करने का ऐलान किया है। इस योजना के तहत, किसानों को निम्नलिखित शर्तों पर सब्सिडी मिलेगी:

1. जमीन की आकार:

  • सूखी जमीन: जिन किसानों के पास ढाई एकड़ तक की सूखी जमीन है, उन्हें 90% तक की सब्सिडी मिलेगी।
  • गीली जमीन: पांच एकड़ तक की सूखी जमीन या ढाई एकड़ तक की गीली जमीन वाले किसानों को भी 90% तक की सब्सिडी मिल सकती है।
  • अधिक से अधिक जमीन: पांच एकड़ से अधिक की सूखी जमीन या ढाई एकड़ से अधिक की गीली जमीन वाले किसानों को 60% से 80% तक की सब्सिडी मिल सकती है।

2. ड्रिप सिंचाई के फायदे:

  • पानी की बचत: ड्रिप सिंचाई से पानी की बचत होती है और प्रतिकूलताओं को कम किया जा सकता है।
  • बेहतर उत्पादकता: ड्रिप सिंचाई से फसलों की उत्पादकता में वृद्धि होती है, क्योंकि यह प्रत्येक पौधे को नियमित और सही मात्रा में पानी प्रदान करता है।

3. ड्रिप सिंचाई मशीन की विशेषताएँ:

  • वाटर-फिल्ट्रेशन: बड़ी ड्रिप सिंचाई मशीन में फिल्टर्स लगे होते हैं जो निगरानी करते हैं कि किसानों को साफ और प्रदूषणमुक्त पानी मिले।
  • विस्तारक: ड्रिप सिंचाई की तकनीक से ग्रीनहाउस, पॉलीहाउस, और शेड नेट फार्मिंग जैसे क्षेत्रों में भी उत्पादन किया जा सकता है।

4. सब्सिडी के लाभ:

  • कम खर्च: सब्सिडी के द्वारा किसानों को मशीन की कीमत पर छूट मिलेगी, जिससे उन्हें प्राप्त करने में कमी आएगी।
  • उत्पादकता का वृद्धि: ड्रिप सिंचाई के उपयोग से किसान अधिक फसल उत्पादित कर सकते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

इन नियमों के अनुसार, किसानों को ड्रिप सिंचाई मशीन पर सब्सिडी मिल सकती है, जो उन्हें पानी की बचत करने और उत्पादकता को बढ़ाने में मदद करेगी। सरकार का यह कदम भारतीय कृषि को विकास की ओर अग्रसर करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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