उड़द की खेती: उड़द की खेती से मिल रहा है किसानों को मोटा मुनाफा, कम लागत में हो रही है अच्छी आमदनी

saneha verma
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 उड़द की खेती: उड़द की खेती से मिल रहा है किसानों को मोटा मुनाफा, कम लागत में हो रही है अच्छी आमदनी

Today Haryana : चना, मसूर, सरसों और गेहूं की कटाई के बाद किसानों के खेत खाली हो रहे हैं। इस समय अगली फसल धान की रोपाई के लिए अभी करीब 80 से 90 दिन का वक्त मिल रहा है। ऐसे में किसानों को ध्यान में रखते हुए कुछ दलहनी फसलें लेने का सुझाव दिया जा रहा है। खेती विशेषज्ञों के अनुसार, उड़द की फसल उगाने से किसानों को बेहद कम लागत में अच्छा मुनाफा हो सकता है।

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के प्रभारी डॉक्टर एनसी त्रिपाठी ने बताया कि उड़द की खेती करने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। उड़द की फसल 85 से 90 दिनों में पककर तैयार हो जाती है, जो किसानों को तेजी से मुनाफा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है।

उड़द की बुवाई करने के लिए किसानों को खेत में उचित नमी रखते हुए डिस्क हैरो से अच्छी तरह से जोत कर तैयार करना चाहिए। उसके बाद खेत को समतल कर लाइन से लाइन की दूरी 40 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 15 सेमी की रखते हुए बीज लगाना चाहिए। बीज लगाने से पहले उसे शोध करना और अच्छे बीज का चयन करना बेहद महत्वपूर्ण है।

उड़द की बुवाई करते समय उड़द के बेहतर किस्म का चयन करना भी महत्वपूर्ण है। डॉ एनसी त्रिपाठी के अनुसार, PU-30, PU-31, PU-35 और PU-41 किस्म की उड़द की बुवाई करने से किसान अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं।

सिंचाई का भी ध्यान रखना जरूरी है। उड़द की फसल को 25 से 30 दिन के बाद सिंचाई करना चाहिए, जो फसल की अच्छी उगाई के लिए महत्वपूर्ण है।

किसानों को ध्यान देना चाहिए कि उड़द की फसल को समय पर तैयार कर उसका उत्तरदायित्वी बचाव करना चाहिए। इससे मिट्टी में ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा बढ़ेगी, जो आगे आने वाली फसलों के लिए फायदेमंद होगी।

उड़द की फसल से किसानों को मोटा मुनाफा हो सकता है, जो कम लागत में हो रही है अच्छी आमदनी। यह फसल के उत्पादन में वृद्धि करने के साथ-साथ किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकती है।

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