कैसे बचाएं कपास की फसल को गुलाबी सुंडी से: कृषि विभाग की सलाह..
Today Haryana; अनिवार्य प्रशिक्षण से किसानों को मिल रही मदद
हर साल कपास की फसल पर लगने वाली गुलाबी सुंडी कीट से किसानों को काफी नुकसान होता है। इस समस्या को कम करने के लिए कृषि विभाग ने किसानों को लगातार प्रशिक्षण देने का निर्णय किया है। इस बार बीटी कपास की फसल को गुलाबी सुंडी से बचाने के लिए कृषि विभाग ने कृषि वैज्ञानिकों के साथ मिलकर कठिन परिश्रम किया है।
गुलाबी सुंडी का प्रकोप: कहां और कैसे?
गुलाबी सुंडी का प्रकोप केवल कपास जिनिंग मिलों और तेल निकालने वाली मिलों के आसपास देखा गया है। इसके प्रकोप का मुख्य कारण है कपास की लकड़ियों में इसका ढेर जमा होना। गुलाबी सुंडी की पहचान करने के लिए किसानों को फेरोमोन ट्रैप लगाने की सलाह दी जा रही है।
गुलाबी सुंडी से बचाव: उपाय
कृषि विभाग के अनुसार, किसानों को दिन में दो बार खेत का निरीक्षण करना चाहिए। गुलाबी सुंडी से प्रभावित नीचे गिरे टिंडे, फूल डोडी और फूल को एकत्रित कर नष्ट कर देना चाहिए। इसके अलावा, किसानों को बची हुई कपास की लकड़ियों को झाड़कर नष्ट करने की सलाह दी जा रही है।
कृषि विभाग की जागरूकता
कृषि विभाग कपास उत्पादक किसानों को गुलाबी सुंडी से बचाने के लिए लगातार जागरूक कर रहा है। गुलाबी सुंडी के ख़तरे को देखते हुए समय-समय पर एडवाइजरी जारी की जा रही है, और कृषि अधिकारी नियमित तौर पर फील्ड में उतरकर किसानों को सलाह दे रहे हैं।
निष्कर्ष
कपास की फसल को गुलाबी सुंडी से बचाने के लिए कृषि विभाग और कृषि वैज्ञानिकों के साथ किसानों की अहम भूमिका है। नियमित निगरानी और उपायों के प्रयोग से इस समस्या को हल किया जा सकता है, और किसानों को नुकसान से बचाया जा सकता है।