आज जलेगा चंडीगढ़ में देश का सबसे बड़ा रावण; बनाने वाले का नाम लिम्का बुक आफ रिकॉर्ड में भी दर्ज

चंडीगढ़ के रावण: दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति का रिकॉर्ड
चंडीगढ़ का तेजिंदर सिंह नामक शख्स ने रावण की मूर्ति बनाने में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वे न केवल रावण की मूर्तियां बनाते हैं, बल्कि इन्होंने एक विश्व-रिकॉर्ड बनाया है जिसमें वे रावण की सबसे ऊंची मूर्ति का गर्व रखते हैं। इस लेख में, हम आपको तेजिंदर सिंह की उपलब्धियों और उनके समाज सेवा कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
तेजिंदर सिंह: रावण की मूर्ति बनाने का रिकॉर्ड
तेजिंदर सिंह चंडीगढ़ के एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं जिन्होंने रावण की मूर्ति बनाने का रिकॉर्ड बनाया है। वे न केवल एक मूर्ति बनाते हैं, बल्कि इसके साथ ही सामाजिक संगठनों और अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर यह काम करते हैं। उनका यह काम रावण की मूर्ति को बनाने के लिए हर साल एक महत्वपूर्ण आयोजन बन चुका है।
रावण की बड़ी मूर्ति: तेजिंदर सिंह ने चंडीगढ़ में रावण की मूर्ति बनाते समय एक विशेष बड़ी मूर्ति का रिकॉर्ड बनाया है। पहले, उन्होंने 221 फीट की मूर्ति बनाई थी, जिसको लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था। हालांकि, इस बार उन्होंने और भी उच्च मूर्ति बनाई है, जो 171 फीट ऊंची है। यह मूर्ति आम रावण की मूर्तियों से काफी ऊंची है और एक दृश्यग्राहकों के लिए अद्वितीय है।
समाज सेवी संस्थाएं सहयोग कर रही हैं: तेजिंदर सिंह ने बताया कि इस बार के रावण की मूर्ति बनाने में कई समाज सेवी संस्थाएं सहयोग कर रही हैं। माता मनसा देवी चैरिटेबल ट्रस्ट, पंचकुला रामलीला ड्रामाटिक क्लब, और श्याम परिवार संस्था इस काम में पूरी तरह से शामिल हैं और इसका खर्च उठा रहीं हैं।
माता मनसा देवी चैरिटेबल ट्रस्ट के पदाधिकारी अमित गोयल ने बताया कि वे हर साल दशहरे के अवसर पर सामाजिक संगठनों के साथ रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन करते हैं और जब भी उन्हें तेजिंदर सिंह की याद आती है, तो वह तुरंत अपना कीमती समय निकालकर उनके कार्यकर्ता सम्मेलन में पहुंचते हैं। इस तरह, यह समाज सेवी संस्थाएं और तेजिंदर सिंह मिलकर रावण की मूर्ति बनाते हैं।
रिकॉर्ड और सम्मान: तेजिंदर सिंह ने बताया कि 2014 से 2016 तक, उन्होंने अपनी उपलब्धियों को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया है। इसके साथ ही, उन्होंने अपने कार्य के लिए कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया है।
रावण की मूर्ति बनाने के लिए उन्होंने 3 महीने का समय लगाया और इस काम के लिए 18 लाख रुपये की लागत हुई। हर दिन, 25 से ज्यादा कर्मचारी इस मूर्ति के निर्माण में लगे रहे।
रावण की मूर्ति बनाने का प्रारंभ: तेजिंदर सिंह ने बताया कि कई साल पहले, उन्होंने अपने शौक के तौर पर अपने क्षेत्र बराड़ा में मजदूरों के साथ रावण की मूर्ति बनाने का काम शुरू किया था। इस शौक के लिए उन्होंने अपनी जमीन बेच दी और लाखों रुपये खर्च कर दिए।