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नई सोच, नई तकनीक: 3 पीढ़ी तक नो टेंसन, अब भारत में बनेगे बिना ईंट व सीमेंट के घर

New thinking, new technology: no tension for 3 generations, now houses will be built in India without brick and cement
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New thinking, new technology: no tension for 3 generations, now houses will be built in India without brick and cement

नई सोच, नई तकनीक: 3 पीढ़ी तक नो टेंसन, अब भारत में बनेगे बिना ईंट व सीमेंट के घर 
 

Today Haryana: आधुनिक तकनीकों ने निर्माण क्षेत्र में नए दिशानिर्देश प्रस्तुत किए हैं और इसका एक अच्छा उदाहरण है भारत में 3डी प्रिंटिंग से बनाए गए निर्माण। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में बेंगलुरु में देश का पहला 3डी प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस का उद्घाटन किया है। इस तकनीक से निर्मित घरों का निर्माण तेज़ी से होता है, कम खर्च में होता है और मजबूती में कोई कमी नहीं होती है।
 
3डी प्रिंटिंग एक तकनीक है जिसमें नक्शे के आधार पर मशीन द्वारा बिना किसी मानव हस्तक्षेप के निर्माण किया जाता है। इसमें रोबोटिक्स के माध्यम से डिज़ाइन की जानकारी को मशीन में फीड किया जाता है और फिर मशीन खुद ही निर्माण कार्य को सम्पन्न करती है। यह तकनीक ईंट और पत्थर के प्रयोग की आवश्यकता को कम करती है और निर्माण प्रक्रिया को सरल और तेज़ बनाती है।
 
तेज़ निर्माण:
आमतौर पर एक घर या बिल्डिंग का निर्माण करने में कई महीनों की समय की आवश्यकता होती है, लेकिन 3डी प्रिंटिंग से निर्मित निर्माण मात्र कुछ हफ्तों में पूरा किया जा सकता है।

कम लागत: ईंट और पत्थरों की आवश्यकता को कम करने के कारण, 3डी प्रिंटिंग से निर्मित निर्माण की लागत भी कम होती है।

मजबूती और वास्तुकला: इस तकनीक से निर्मित घर मजबूत होते हैं और डिज़ाइन में वास्तुकला का ध्यान रखा जा सकता है।

आवाजाहीनता: 3डी प्रिंटिंग की प्रक्रिया आवाजाहीन होती है, जिससे पर्यावरण में कोई प्रदूषण नहीं होता।
 
3डी प्रिंटिंग की प्रक्रिया में खास तकनीक का प्रयोग किया जाता है, जिसमें मशीन के माध्यम से निर्मित माटेरियल को स्थापित किया जाता है। यहां एक संक्षिप्त तालिका दी गई है:
 
नक्शा तैयारी    घर का नक्शा कंप्यूटर में तैयार किया जाता है।
मटेरियल प्रिंटिंग    मशीन द्वारा डिज़ाइन के अनुसार निर्मित माटेरियल को प्रिंट किया जाता है।
निर्माण प्रक्रिया    मशीन खुद ही निर्माण प्रक्रिया को सम्पन्न करती है, जिसमें वॉल्स और इंटीरियर शामिल होते हैं।
 
3डी प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग भारत में निर्माण क्षेत्र में नए द्वार खोल सकता है। इसके द्वारा सस्ते में और तेज़ी से घरों का निर्माण किया जा सकेगा, जिससे आवास की समस्या का समाधान हो सकता है।
  
भारत में 3डी प्रिंटिंग से बनाए गए निर्माण ने निर्माण क्षेत्र में नए दिशानिर्देश प्रस्तुत किए हैं। इसका उपयोग सस्ते और मजबूत निर्माण के लिए किया जा सकता है, जिससे आवास की समस्या का समाधान हो सकता है। आगामी दिनों में इस तकनीक के उपयोग से और भी अधिक विकास हो सकता है, जो निर्माण क्षेत्र को और भी उन्नति दिला सकता है।