GST काउंसिल की बैठक में ये चीजें हुईं सस्ती और महँगी शराब और आटा भी शामिल,जाने बड़ा अपडेट

नई दिल्ली में आयोजित 52वीं जीएसटी काउंसलिंग बैठक ने भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बड़े फैसले लिए हैं। इस आलेख में, हम आपको इस बैठक के महत्वपूर्ण फैसलों के बारे में बताएंगे और उनके साथ ही यह भी जानेंगे कि इन फैसलों का आम जनता और व्यवसायिक समुदाय पर क्या असर हो सकता है।
शराब पर नए निर्णय
बैठक के अनुसार, ग्राहकों के कच्चे माल अतिरिक्त तटस्थ अल्कोहल (ईएए) पर अब कर से छूट दी जाएगी, जबकि औद्योगिक उपयोग के लिए उपयोग किए जाने वाले ईएए पर 18% जीएसटी लगेगा। इसका मतलब है कि अब राज्य सरकारें शराब पर टैक्स लगा सकेंगी या छूट दे सकेंगी, जो उनके स्वायत्तता के तहत होगा। यह फैसला राज्यों को अपनी आर्थिक नीतियों के साथ अधिक स्वायत्तता प्रदान करेगा।
आटे पर नया निर्णय
जीएसटी काउंसलिंग ने लेबल वाले मोटे अनाज के आटे पर 5% कर लगाने का फैसला लिया है। इसके साथ ही, आटे की पैकेजिंग और लेबलिंग पर भी जीएसटी लागू होगा। इसके बावजूद, कम से कम 70% मोटे अनाज वाला आटा खुला बेचने पर जीएसटी के अधीन नहीं होगा। यह फैसला खुदाया अनाज के किसानों को सीधा फायदा पहुंचाएगा और उनकी बढ़ी हुई लागतों को कम करेगा।
निदेशकों को राहत
जीएसटी परिषद ने कॉरपोरेट्स द्वारा अपनी सहायक कंपनियों को दी गई गारंटी पर 18% जीएसटी के अधीन होने का निर्णय लिया है। हालांकि, निदेशक की कंपनी को दी गई व्यक्तिगत गारंटी पर कर नहीं लगेगा। इसका मतलब है कि जब कोई निदेशक किसी कंपनी को कॉर्पोरेट गारंटी देता है, तो सेवा का मूल्य कॉरपोरेट गारंटी के 1% होने के कारण शून्य माना जाएगा, और इसलिए उस पर कोई जीएसटी लागू नहीं होगा। यह निर्णय कॉरपोरेट व्यापारिक समुदाय को राहत दिलाएगा और साथ ही निदेशकों के लिए भी एक सरल प्रक्रिया देगा।
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को झटका
जीएसटी परिषद के नए निर्णय के अनुसार, ऑनलाइन गेमिंग और कैसीनो कंपनियों को शुरू से ही 28% जीएसटी के अधीन रखा गया है। इससे इन कंपनियों के लिए अधिक टैक्स का बोझ होगा, और वे अधिक ध्यानपूर्ण होने की आवश्यकता महसूस करेंगे। राज्यों जैसे कि दिल्ली और गोवा ने पिछली तारीख से कराधान का मुद्दा उठाया है, लेकिन यह जरूरी है कि व्यापारिक समुदाय को इस निर्णय के बारे में सही जानकारी मिले। ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती हो सकती है, लेकिन यह भी एक नई आय का स्रोत बन सकती है।
शीरा पर टैक्स छूट
निर्मला सीतारमण ने शीरा पर जीएसटी छूट को बढ़ावा दिया है, और इससे गन्ना किसानों को सीधा फायदा होगा। इस छूट से गन्ने के किसान अपने उत्पाद को अधिक मूल्ययोग्य बना सकेंगे और उनके बकाया का भुगतान तेजी से हो सकेगा। इसके साथ ही, यह शीरा से पशु आहार बनाने की लागत को भी कम करेगा, जो एक बड़ी फायदेमंद पहल हो सकती है।
52वीं जीएसटी काउंसलिंग बैठक के फैसलों का असर सामान्य जनता, व्यवसायिक समुदाय, और राज्यों पर होने वाला है। इन निर्णयों से आम जनता को शराब की कीमतों में राहत मिल सकती है, लेकिन यह भी बड़ी रूप में राज्य सरकारों और व्यापारिक समुदाय पर निर्भर करेगा। इन निर्णयों का सबसे बड़ा उद्देश्य वित्तीय संज्ञान और सामूहिक उत्थान की दिशा में है, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार हो सकता है।