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रिजर्व बैंक द्वारा नए नियमों के साथ पेटीएम, गूगल पे, और पोन पे प्रयोगकर्ताओं के लिए बड़ा बदलाव

4 सितंबर को बैंकों को नए नियमों की घोषणा की है
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने प्री-सैंक्शंड क्रेडिट लाइन्स (प्री अप्रूव्ड लोन) से यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) ट्रांजैक्शन को इनेबल करने के लिए 4 सितंबर को बैंकों को नए नियमों की घोषणा की है। इसके तहत, ग्राहक जो प्री-सैंक्शंड क्रेडिट लाइन्स का उपयोग कर रहे हैं, वे UPI सिस्टम का उपयोग करके ट्रांजैक्शन कर सकेंगे।

नए नियमों का मुख्य अंश:

  1. प्री-सैंक्शंड क्रेडिट लाइन्स (प्री अप्रूव्ड लोन): RBI ने इस सुविधा के तहत ग्राहकों को प्री-सैंक्शंड क्रेडिट लाइन्स का उपयोग करके ट्रांजैक्शन करने की अनुमति दी है।

  2. शर्तें और नियम: बैंक अपने बोर्ड द्वारा इस प्री-सैंक्शंड क्रेडिट लाइन्स की शर्तें और नियम तय कर सकते हैं, जैसे की क्रेडिट की लिमिट, क्रेडिट की अवधि, ब्याज दर, और अन्य शर्तें।

UPI की महत्वपूर्ण भूमिका:

यह नए नियम UPI के माध्यम से वित्तीय लेन-देन को आसान और सुगम बनाएगा। अगस्त में हुए 10 बिलियन से अधिक UPI ट्रांजैक्शन के बाद, यह स्पष्ट है कि UPI भारत में डिजिटल पेमेंट्स का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। यह नए नियम और सुविधाएं ग्राहकों को और भी सुविधाएं प्रदान करेंगी और उनके लिए वित्तीय सूचना और सेवाएं सुगम बनाएगी।

इससे उपभोक्ता और वित्तीय संस्थानों के बीच वित्तीय संवाद में सुधार होगा, और डिजिटल भुगतान के प्रयोगकर्ताओं को अधिक विकल्प और सुविधाएं मिलेंगी।

इस नए नियम के साथ, RBI ने भारत की डिजिटल वित्तीय प्रणाली को और भी मोटराइज़ किया है, और यह वित्तीय सूचना को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह वित्तीय संवाद को बढ़ावा देगा और भारतीय वित्तीय बाजार को और भी डिजिटल बनाने में मदद करेगा।

इसके अलावा, यूपीआई ने अगस्त में आगे बढ़ते हुए 10 बिलियन से अधिक ट्रांजैक्शन को पार किया, जो माहित है कि यह भारतीय डिजिटल वित्तीय प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण समय है। यह भारत में डिजिटल पेमेंट्स की लोकप्रियता को और भी बढ़ावा देगा और डिजिटल लेन-देन को अधिक सरल और पहुंचे जाने वाले बनाएगा।

RBI द्वारा जारी नए नियम और सुविधाएं डिजिटल वित्तीय प्रणाली को और भी सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से जारी की गई हैं। यह उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प प्रदान करेगा और भारतीय वित्तीय बाजार को डिजिटल रूप में बढ़ावा देगा। इससे वित्तीय संवाद में सुधार होगा और डिजिटल पेमेंट्स का उपयोग करने वालों को और भी सुविधाएं मिलेंगी।

कृपया ध्यान दें कि यह लेख जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से है और आपको आवश्यकतानुसार संबंधित नियमों और गाइडलाइंस का पालन करने की सलाह दी जाती है।