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इंजीनियरिंग का जबरदस्त कमाल: बिना सीमेंट और ईंट के बना दिया शानदार घर, गर्मी में ठंडक तो सर्दी में गर्मी का अहसास

Tremendous feat of engineering: A luxurious house made without cement and brick, feeling cool in summer and warm in winter
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Tremendous feat of engineering: A luxurious house made without cement and brick, feeling cool in summer and warm in winter

इंजीनियरिंग का जबरदस्त कमाल: बिना सीमेंट और ईंट के बना दिया शानदार घर, गर्मी में ठंडक तो सर्दी में गर्मी का अहसास 
 

Today Haryana: घर बनाने की कला में एक नया परिवर्तन देखने को मिल रहा है - डूंगरपुर के सिविल इंजीनियर आशीष पंडा और सॉफ्टवेयर डेवलपर मधुलिका द्वारा बिना सीमेंट और ईंट के बनाया गया घर। इस अनूठे घर का निर्माण पर्यावरण की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो देखने लायक है।
 
आशीष और मधुलिका ने घर के निर्माण में स्थानीय मटीरियल का उपयोग किया है, जैसे कि बलवाड़ा के पत्थर, घूघरा के पत्थर और चूना। घर की दीवारों को पत्थरों से बनाया गया है और उनकी चिनाई, प्लास्टर और छत की गिट्टी में चूने का उपयोग किया गया है। इस प्रकार के निर्माण से न केवल घर की स्थिरता बढ़ी है, बल्कि उसकी प्राकृतिक सौंदर्यता भी बरकरार रही है।

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यह घर उच्च तापमान में भी आरामदायक रहता है, और इसमें गर्मियों में भी एसी और पंखे की जरूरत नहीं होती है।
 
आशीष और मधुलिका की यह कहानी न केवल एक अनूठे घर की है, बल्कि यह एक संदेश भी है कि हम पर्यावरण की देखभाल के साथ जीवन जीने के नए तरीके ढूंढ सकते हैं। इस तरह के स्थानीय और पर्यावरण फ्रेंडली घर न केवल हमारे जीवन को सुखमय बनाते हैं, बल्कि हमारे प्रदूषण को भी कम करने में मदद करते हैं।
 
आशीष और मधुलिका की सामाजिक संवेदना और प्राकृतिक संसाधनों के प्रति संवाद एक प्रेरणा स्रोत हो सकते हैं। उनके इस प्रयास से यह सिद्ध होता है कि हम सभी को अपने घरों को बनाने में पर्यावरण की सुरक्षा को महत्व देना चाहिए और प्राकृतिक संसाधनों का सावधानीपूर्वक उपयोग करना चाहिए।
 Tremendous feat of engineering: A luxurious house made without cement and brick, feeling cool in summer and warm in winter
आशीष और मधुलिका द्वारा डूंगरपुर में बिना सीमेंट और ईंट के बनाए गए घर की कहानी एक महत्वपूर्ण संदेश देती है - पर्यावरण की देखभाल और प्राकृतिक संसाधनों का सदुपयोग करके हम न केवल सुस्त और स्थायी घर बना सकते हैं, बल्कि प्यारे पृथ्वी की रक्षा में भी योगदान कर सकते हैं। आशीष और मधुलिका की कहानी हमें नए जीवन की संभावनाओं का पता लगाती है, जहां हम पर्यावरण के साथ मिलकर जीवन का आनंद उठा सकते हैं।