केशधारी के साथ-साथ श्री गुरू ग्रंथ साहिब में विश्वास रखने वालों की भी बने वोट, बराड़ ने सी.एम. को भेजा पत्र
Along with Keshdhari, those who believe in Sri Guru Granth Sahib also got votes, Brar said C.M. sent letter to

हरियाणा गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों को लेकर एडवोकेट जरनैल सिंह बराड़ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को उपमंडल अधिकारी ऐलनाबाद के माध्यम से पत्र भिजवाया है जिसमें मांग की गई है कि केशधारी के साथ-साथ श्री गुरू ग्रंथ साहिब में विश्वास रखने वाले सिख की भी वोट बनाई जाए। एडवोकेट जरैनल बराड़ ने कहा कि हरियाणा में हरियाणा गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के जल्द होने वाले चुनाव के लिए सिक्खों की वोट बनाने का काम जोरों से चल रहा है। वोट बनाने की तारीख जो पहले 30 सितम्बर थी चुनाव अधिकारी द्वारा बढ़ाकर 16 अक्टूबर कर दी गई है। मुख्यमंत्री खट्टर से अपील की कि वोट बनाने में एक बहुत बड़ी दुविधा है जिसे दूर किया जाना चाहिए। हरियाणा गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी हरियाणा के गुरुद्वारों के प्रबंध से जुड़ी संस्था है। वोट सिर्फ उन लोगों के बन रहे हैं जो के शधारी हैं। इस कमेटी के चुनाव का अधिकार उन सभी लोगों को होना चाहिए जो श्री गुरुग्रंथ साहिब जी की विचारधारा में विश्वास रखते हुए गुरुद्वारों में श्रद्धापूर्वक नतमस्तक होते हैं। कमेटी का चुनाव लडऩे और गुरुद्वारों का प्रबंध करने का अधिकार सिर्फ उन लोगों के पास रहे जो साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा दी गई अमृत की दात द्वारा खालसे सजे हैं। वोट का अधिकार उन सभी लोगों को मिलना ही चाहिए जो साहिब श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की विचारधारा में विश्वास रखते हुए अपने आप को सिक्ख मानते हैं।
वोट बनाने के नियमोंं में हो बदलाव
बराड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अध्यादेश या विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर वोट बनाने के नियमों में बदलाव करें ताकि उन सभी लोगों को वोट का अधिकार मिल सके। जो साहिब श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की विचारधारा में विश्वास रखते हुए अपने आप को सिक्ख मानते हैं। नियमों में यह संशोधन किए जा सकते हैं कि वोट का अधिकार उन सभी लोगों को हो, जिन्होंने सरकारी रिकॉर्ड में अपने आप को सिक्ख लिखवाया है। हरियाणा के सभी गुरुद्वारों की स्थानीय कमेटियों और ग्रंथी साहिबान की सांझी सिफारिश पर उन सभी लोगों को भी वोट का अधिकार दिया जाए जो साहिब श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की विचारधारा में विश्वास रखते हैं और नियमित रूप से श्रद्धापूर्वक गुरुद्वारे में नतमस्तक होते हैं।