todayharyana

अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) - एक अनूठी उपलब्धि

International Space Station (ISS) - A unique achievement

 | 
ISS

Today Haryana : विश्वभर में मानवता के अद्वितीय उपलब्धि में से एक है अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (International Space Station - ISS). अनुसंधान केंद्र है जो विश्व के विभिन्न देशों के सहयोग से निर्मित हुआ है। आज हम इस चमत्कारी स्थल की यात्रा पर निकलेंगे, जो अपने आखिरी दिनों में है।

 

ISS का बचाव: एक नई मुद्दत

24 अगस्त 2023 को, ISS को बाल-बाल बचाया गया जब उसकी ऑर्बिट में आ रहे अंतरिक्षीय कचरे ने उसकी सुरक्षा को खतरे में डाल दिया था। रूसी मॉड्यूल के इंजनों और थ्रस्टर्स की मदद से उसे अपनी मौन यात्रा पर आगे बढ़ने में सफलता मिली।

इस नई मुद्दत में, ISS ने एक बार फिर से अपनी उम्र बढ़ाने का अवसर पाया है। यह स्थायी स्पेस स्टेशन, जिसे 1998 में शुरू किया गया था, ने अपने 25 सालों के अवसर पर भी अपने अनमोल महत्व को साबित किया है।

 

ISS की आखिरी मिशाल

अनुमानित 2030 में, ISS का अद्यतनित मिशन समाप्त हो जाएगा और उसे प्रशांत महासागर में गिराया जाएगा। इससे पहले, स्थायी स्पेस स्टेशन को सभी आवश्यक उपकरणों के साथ सुसज्जित करके उसकी अंतिम मिशाल का आयोजन किया जाएगा।

यह पूरी प्रक्रिया तब तक जारी रहेगी जब तक कि ISS अपने अंतिम दिनों की ओर बढ़ रहा होगा। इस काम में लगभग 1.3 बिलियन डॉलर्स की लागत आने वाली है, लेकिन यह स्थायी स्पेस स्टेशन की अनमोल यादें सुरक्षित रखने के लिए अवश्यक है।

 

ISS का आवास: एक अद्वितीय संयोजन

इस अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में हमेशा 7 से 8 एस्ट्रोनॉट्स समय बिताते हैं, जो विभिन्न देशों से आते हैं। यहां पर वैज्ञानिक अनुसंधान, तकनीकी अद्यतन और अंतरिक्ष में जीवन के प्रति अद्वितीय अध्ययन के अवसर होते हैं।

इसके साथ ही, ISS की गति भी आश्चर्यजनक है। यह हर डेढ़ घंटे में धरती के आकार के एक चक्कर लगाता है, जिससे यह अद्भुत और अनूठे गतिविधियों का केंद्र बनता है।

 

आगामी दिनों की यात्रा

वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष शोधकर्ताओं के लिए ISS एक अद्वितीय लाभ है, जिसमें उन्हें मानवता की अगली महत्वपूर्ण कदमों की ओर बढ़ने का अवसर मिलता है। हालांकि इसकी यात्रा अब आखिरी दिनों में है, लेकिन इसकी यादें हमेशा हमारे साथ रहेंगी।

इस अद्वितीय स्थल की सफलता का सफर एक नये युग के आगमन का प्रतीक है, जो अंतरिक्ष में मानवता की महत्वपूर्ण पहचान को प्रमोट करता है। जैसे-जैसे इसकी यात्रा का आखिरी दिन आएगा, हमें गर्व होगा कि हमने अपनी विज्ञानिक और तकनीकी क्षमताओं का सही उपयोग किया और अंतरिक्ष में नए मानवीय सीमाओं की ओर कदम बढ़ाया।