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अब देश का अंग्रेजी नाम खत्म करने जा रही मोदी है मोदी सरकार? बताया-संविधान के खिलाफ

Now is Modi government going to end the English name of the country? Told – against the constitution
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Now is Modi government going to end the English name of the country? Told – against the constitution

 अब देश का अंग्रेजी नाम खत्म करने जा रही मोदी है मोदी सरकार?  बताया-संविधान के खिलाफ

Today Haryana: नई दिल्ली, क्या भारत का अंग्रेजी नाम 'INDIA' बदल रहा है? क्या 'INDIA' को 'भारत' में बदला जाएगा? यह सवाल हाल के समय में चर्चा का केंद्र बन चुका है, जबकि सरकार ने संसद के विशेष सत्र का आयोजन किया है। इस आलेख में, हम जानेंगे कि क्यों और कैसे इस प्रस्ताव की चर्चा हो रही है और इसके चरम परिणाम क्या हो सकते हैं।

मोदी सरकार का प्रस्ताव
G20 सम्मेलन के बाद, केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है, और इसके बाद से ही खबरें आ रही हैं कि संसद के विशेष सत्र के दौरान केंद्र सरकार, भारत के नाम को 'INDIA' से 'भारत' में बदलने का प्रस्ताव रख सकती है। इस प्रस्ताव के अनुसार, देश का नाम सार्वजनिक और सार्वभौमिक रूप से 'भारत' होगा।

I.N.D.I.A. गठबंधन को लगेगा झटका
यदि यह प्रस्ताव मान्य होता है, तो इससे नए बने I.N.D.I.A. गठबंधन को बड़ा झटका साबित हो सकता है। इस गठबंधन ने अपने गठबंधन का नाम देश की इंग्लिश वर्तनी पर रखा था, ताकि उसे जब 'I.N.D.I.A.' कहा जाए, तो यह देश की आवाज लगे।

नाम बदलने का प्रावधान
यह समय आया है कि हम देश के नाम के परिवर्तन के प्रस्ताव को समझें। इसके पीछे की वजह क्या है? इस प्रस्ताव की शुरुआत कैसे हुई? हम इसके पीछे की कहानी पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

कई सांसदों का समर्थन
कई सांसदों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। उनका मानना है कि 'INDIA' शब्द गुलामी का पर्याय है, जबकि 'भारत' हमारी विरासत की पहचान है। इसके अलावा, वे यह भी समझते हैं कि एक देश के दो नाम होने का कोई साहित्यिक या ऐतिहासिक कारण नहीं हो सकता है।

मोहन भागवत का समर्थन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। उनका मानना है कि 'इंडिया' की बजाय 'भारत' का उपयोग किया जाना चाहिए, क्योंकि भारत नाम प्राचीन काल से चला आ रहा है और इसे आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
 
इस प्रस्ताव के समर्थन और विरोध के बीच, एक सामाजिक प्रतिक्रिया भी देखने को मिल रही है। समाज के विभिन्न वर्गों और राजनैतिक दलों के नेताओं ने अपने विचार जाहिर किए हैं।
 
इस समय, हम इस चर्चा के बीच हैं कि क्या भारत का अंग्रेजी नाम बदल रहा है और कैसे यह प्रस्ताव समाज में दिलचस्पी उत्पन्न कर रहा है। हमें देखना होगा कि संसद के विशेष सत्र में कैसे फैसला होता है और क्या इसके बाद के परिणाम होते हैं। 'इंडिया' से 'भारत' का नाम परिवर्तन होता है या नहीं, यह हमें देखना होगा।