Chandrayaan-3 New Update: NASA सहित भारतवासियों ने लगा रखी हैं चंद्रयान-3 पर नजरें, कुछ ही समय में चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग करेगा Chandrayaan-3

Chandrayaan-3 New Update: NASA सहित भारतवासियों ने लगा रखी हैं चंद्रयान-3 पर नजरें, कुछ ही समय में चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग करेगा Chandrayaan-3
Today Haryana: नई दिल्ली: Chandrayaan-3 New Update: इसरो चीफ सोमनाथ को पूरा यकीन है कि लैंडिंग सफल होगी। उनकी टीम यान की लगातार निगरानी कर रही है। इसमें उसका साथ अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और यूरोपीय एजेंसियां मदद कर रही हैं।
Chandrayaan-3New Update: घड़ी की टिक-टिक के साथ हर भारतवासी के दिल की धड़कन भी बढ़ रही है। आज ऐतिहासिक दिन है। कुछ ही घंटों में वो लम्हा आने वाला है जब भारत का चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। इस लैंडिंग के साथ ही भारत ऐसा कारनामा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर इस वक्त चांद के चारो ओर चक्कर काट रहा है। शाम को विक्रम लैंडिंग की कोशिश करेगा। इसरो चीफ एस सोमनाथ और उनकी पूरी टीम को पूरा यकीन है कि लैंडिंग सफल होगी और देश इतिहास रचेगा। इसरो की टीम यान की लगातार निगरानी कर रही है। इसमें उसका साथ अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा समेत दुनियाभर की एजेंसियां भी कर रही हैं। जानते हैं कि दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियां इसरो को चंद्रयान-3 की लैंडिंग में कैसे मदद कर रही हैं...
चंद्रयान-3, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के तीसरे चंद्र मिशन का एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अंतरिक्ष यान की सफल लैंडिंग के लिए इसरो ने नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसियों (ईएसए) के साथ सहयोग किया है। इस प्रकार, इन विश्व प्रमुख एजेंसियों के साथ मिलकर चंद्रयान-3 की सफलता की संभावनाएं बढ़ी हैं।
चंद्रयान-3 का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करना है। यह भारत के लिए पहला अंतरिक्ष यान होगा, जो चंद्रमा पर लैंडिंग करेगा। इसके साथ ही, यह दुनिया का पहला देश भी बन जाएगा जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरता है।
नासा (NASA): अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चंद्रयान-3 के मिशन को समर्थन दिया है और ट्रैकिंग के लिए अपने डीप स्पेस नेटवर्क का उपयोग किया है। नासा के विभिन्न स्थानों पर स्थित अंतरिक्ष एंटीना स्टेशनों ने चंद्रयान-3 की ट्रैकिंग और डेटा संचार की मदद की है।
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसियां (ईएसए): ईएसए ने भी इसरो के साथ मिलकर चंद्रयान-3 मिशन को समर्थन दिया है। उनके पास विभिन्न ट्रैकिंग स्टेशन हैं जो चंद्रयान-3 को निगरानी में रखने में मदद कर रहे हैं।
चंद्रयान-3 जैसे दुर्लभ अंतरिक्ष मिशनों के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होती है। इसका कारण है कि जब यान इसरो एंटीना के दृश्य क्षेत्र से बाहर निकलता है, तो उसे ट्रैकिंग और कमांड करने की आवश्यकता हो सकती है।
इसरो के सहयोगी अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ मिलकर चंद्रयान-3 मिशन को सफलता मिलने की संभावना बढ़ गई है। यह सहयोग यान की निगरानी, संचार और सफल लैंडिंग के प्रति विश्वास को बढ़ाता है।
चंद्रयान-3 के सहयोगी अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ मिलकर इस मिशन की सफलता संभावित हो रही है। इसरो की टीम का यकीन है कि यान की सफल लैंडिंग से भारत इतिहास रचेगा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग ने इस सफलता की संभावनाओं को बढ़ावा दिया है।