हरियाणा के सिरसा जिले के इस गांव का सरपंच सस्पैंड, पाया गया सब कुछ फर्जी

हरियाणा के सिरसा जिले के इस गांव का सरपंच सस्पैंड, पाया गया सब कुछ फर्जी
Today Haryana: हरियाणा राज्य पंचायती राज अधिनियम 1994 के अंतर्गत खंड ऐलनाबाद की ग्राम पंचायत चिलकनी ढाब के सरपंच, मनोज कुमार, को अयोग्य करार देने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत उन्हें सरपंच के पद से हटाया गया है। खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी ऐलनाबाद को आदेश दिए गए हैं कि वे पद से हटाए गए मनोज कुमार से ग्राम पंचायत चिलकनी ढाब से संबंधित जो भी रिकॉर्डर्, धनराशि, चल-अचल संपत्ति उनके नियंत्रण में है, को तुरंत बहुमत रखने वाले पंच को सौंप दी जाए।
आदेशों के तहत, मनोज कुमार के खिलाफ दसवीं कक्षा के फर्जी सटिर्फिकेट होने की शिकायत प्राप्त हुई थी। इस शिकायत के मामले की जांच के लिए उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने मामले की जांच ऐलनाबाद एसडीएम को सौंपी। जांच अधिकारी के समक्ष मनोज कुमार द्वारा अपनी शैक्षणिक योग्यता के संबंध में कोई भी संतोषजनक साक्ष्य व प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया, जिस कारण उनके खिलाफ जो भी आरोप थे, वो सही पाए गए। उपायुक्त ने जांच रिपोर्टर् के आधार पर उन्हें सरपंच के पद से हटाने के आदेश पारित किए।
हरियाणा के पंचायती राज अधिनियम के महत्वपूर्ण नियम
हरियाणा के पंचायती राज अधिनियम 1994 एक महत्वपूर्ण कदम है, जो गांवों में शासन प्रणाली को स्थायी और स्वतंत्र बनाने का प्रयास करता है। इस अधिनियम के तहत, ग्राम पंचायतों में सरपंच की भूमिका बड़े ज़िम्मेदारी और उपाधि होती है। ग्राम स्तर पर सरपंच गांव के विकास, प्रशासनिक निर्णयों के लिए जिम्मेदार होता है और लोगों की समस्याओं का समाधान करता है।
इस घटना से साफ है कि हरियाणा सरकार पंचायती राज अधिनियम के नियमों के पालन को बहुत सीरियसली लेती है और अयोग्य सरपंचों को पद से हटाने का संदेश देती है। यह स्थानीय स्तर पर सरकार के निर्णयों के प्रति लोगों में विश्वास और संवेदनशीलता को बढ़ाता है और अच्छे शासकीय प्रबंधन को सुनिश्चित करता है।
हरियाणा के खंड ऐलनाबाद के सरपंच को पद से हटाने के निर्देश ने पंचायती राज संरचना में सख्ती का संदेश दिया है। पंचायती राज अधिनियम के नियमों का पालन करने वाले और लोगों के समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध सरकारी अधिकारी और पंचायती नेता लोगों के भरोसे को बढ़ाते हैं। हरियाणा सरकार ने सरकारी प्रक्रिया में तेजी और संवेदनशीलता दिखाकर अयोग्य सरपंचों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का दृढ निर्णय दिया है।