हरियाणा में बरसात के बाद शहर की टूटी सडक़ें बनी नासूर: अमित सोनी

बरसात के बाद शहर की टूटी सडक़ें बनी नासूर: अमित सोनी
मुख्यमंत्री सहित अन्य शक्तियों को पत्र भेजकर की मुरम्मत की मांग
कहा, विकास के झूठे ढिंढोरे पीटकर आमजन को गुमराह कर रही नप
Today Haryana: सिरसा, 3 सितंबर। पार्षद प्रतिनिधि व समाजसेवी अमित सोनी ने कहा कि एक ओर जहां नगरपरिषद सिरसा व सत्तापक्ष से जुड़े नेता सिरसा में विकास के ढिंढोरे पीट रहे हैं वहीं वास्तविकता यह है कि पिछले करीब एक वर्ष से भी लंबे समय से शहर की विभिन्न सडक़ों में पड़े गड्ढे शहर के कथित विकास की तस्वीर प्रस्तुत कर रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री, निकाय विभाग के निदेशक व उपायुक्त सिरसा को लिखे अपने पत्र में अमित सोनी ने कहा कि शहर की सडक़ों में पड़े गड्ढे उस नासूर की तरह बन गए हैं जिनका उपचार शायद नगरपरिषद प्रशासन के पास नहीं है।
इस मुद्दे की गंभीरता को बताते हुए समाजसेवी सोनी ने कहा कि सडक़ों में पड़े गड्ढों के कारण जहां अनेक लोगों की जान जा चुकी है वहीं प्रतिदिन वाहनों के इनमें गिरने से हादसे हो रहे हैं मगर नप प्रशासन पूरी तरह सुप्तावस्था में है। उन्होंने कहा कि बरसात के बाद शहर की विभिन्न सडक़ों की हालत काफी खस्ता है जिसकी तुरंत प्रभाव से मुरम्मत करवाया जाना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि चोपहिया व दोपहिया वाहनों के लिए इनसे खासा परेशानी है क्योंकि वाहन सीधे गड्ढों में धंस जाते हैं जिससे प्रतिदिन हादसे हो रहे हैं। उन्होंने अपने वार्ड का हवाला देते हुए कहा कि रानियां बाजार, रानियां गेट, नोहरिया बाजार, नोहरिया गेट, सूरतगढिय़ा बाजार, सूरतगढिय़ा चौक, शिव चौक से लेकर संत कबीर चौक तक की दोनों ओर की सडक़ों की हालत बुरी तरह से खस्ता है। इन सडक़ों को दुरूस्त करने के लिए पहले भी नगरपरिषद प्रशासन से गुहार की गई थी मगर इस दिशा में नगर परिषद प्रशासन पूरी तरह से उदासीन है।
50 लाख रुपए का हुआ था घालमेल
पार्षद प्रतिनिधि अमित सोनी ने उपरोक्त तीनों शक्तियों को बताया कि पहले भी शहर के सभी 31 वार्डों में सडक़ों के पेंचवर्क के लिए करीब 50 लाख रुपए की राशि के टेंडर नगर परिषद की ओर से जारी किए गए थे मगर नगर परिषद प्रशासन ने ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर इस राशि में घालमेल कर दिया जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री उडऩदस्ते एवं स्टेट विजीलेंस को करने के बाद वर्तमान में इसकी जांच पेंडिंग है।
होनहार चिकित्सक की गई थी जान
उन्होंने हवाला देते हुए कहा कि टूटी सडक़ों के कारण ही उनके वार्ड की निवासी व होनहार चिकित्सक डॉ. रूमि सिंगला भी पिछले वर्ष अपनी जान गवां चुकी हैं। सिटी थाना रोड पर बने गहरे गड्ढे में उनका दोपहिया वाहन अनियंत्रित होकर गिर गया था जिसमें वे चोटिल होकर मौत का शिकार हो गई थी। इतना गंभीर हादसा होने के बावजूद नगर परिषद प्रशासन इस दिशा में अभी तक उदासीन है और शहर की टूटी सडक़ें इसका प्रमाण हैं। उन्होंने उपरोक्त सभी से आग्रह किया कि जल्द से जल्द शहर की टूटी सडक़ों का सर्वे करवाकर उनकी मुरम्मत की जाए ताकि जानमाल का नुकसान न हो।