सिरसा के गांव नारायण खेड़ा में धरना पर बैठे किसानों के बीच पहुंचे राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह

हरियाणा: बीमा क्लेम के लिए हर बार किसानों को करना पड़ता है आंदोलन : दीपेंद्र सिंह हुडडा
सिरसा के गांव नारायण खेड़ा में धरना पर बैठे किसानों के बीच पहुंचे राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह
चोपटा। सिरसा जिले के गांव नारायण खेड़ा में किसानों का धरना शनिवार को भी जारी रहा। हरियाणा के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा बीमा क्लेम मांग को लेकर सिरसा जिले के गांव नारायण खेड़ा में धरना दे रहे किसानों के बीच पहुंचे। उन्होंने किसानों का समर्थन देते कहा कि किसानों को हर बार फसल खराब होने पर बीमा लेने के लिए आंदोलन करना पड़ता है। इस गुगी बहरी सरकार को जगाने के लिए हम किसानों के साथ है सडक़ों पर आना पड़ा तो सडक़ों पर आने के लिए तैयार है।
काम रोक प्रस्ताव लेकर आएंगे
राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह ने कहा कि चार किसान पिछले 11 दिन से पानी की टंकी पर चढ़े हैं। वहीं आमरण अनशन पर बैठे किसानों की तबीयत बिगड़ रही है। इसके बाद भी सरकार नहीं जाग रही है। उन्होंने कहा कि 25 अगस्त से विधानसभा सत्र शुरू होगा। उसमें काम रोको प्रस्ताव लेकर आएंगे। ताकि किसानों की आवाज को उठाई जा सके।
उन्होंने कहा कि किसानों को फसलों का बीमा राशि का मुआवजा लेने के लिए चौपटा तहसील में किसानों ने 3 माह तक धरना दिया। वहीं अब मजबूरन किसानों को नारायण खेड़ा की टंकी पर चढऩा पड़ा लेकिन किसानों को टंकी पर चढ़े हुए 11 दिन बीत चुके हैं फिर भी सरकार ने किसानों की कोई सुध नहीं ली। राज्य सभा सांसद के साथ पूर्व विधायक भरत सिंह बैनीवाल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डा. केवी सिंह, प्रहलाद ङ्क्षसह गिल्लाखेड़ा, डा. सुशील इंदौरा, राजकुमार शर्मा, सुभाष जोधपुरिया व सुमित बैनीवाल मौजूद रहे।
तीन किसानों की बिगड़ चुकी है तबीयत
हरियाणा में सिरसा जिले में वर्ष 2022 का बीमा क्लेम की मांग को लेकर सिरसा के गांव नारायण खेड़ा में पेयजल केंद्र में बनी 150 फीट पानी की टंकी पर 4 किसान पिछले 11 दिन से चढ़े हुए हैं। वहीं 13 किसान व सरपंच आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। आमरण अनशन पर बैठे सरपंच उदयपाल सहित तीन की शुक्रवार शाम को तबीयत बिगड़ गई थी। इस पर रूपावास के सरपंच उदयपाल, किसान नंदलाल ढिल्लो व विनोद कुमार को अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
बता दें कि किसान पिछले 100 दिनों से बीमा क्लेम की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसान भरत सिंह ने बताया कि हमारी उमस के कारण तबीयत बिगड़ रही है। अब तो काफी दिक्कतें आ रही है। अभी तक टंकी पर चढ़े हुए दस दिन हो गये हैं। अधिकारी आते हैं, चले जाते हैं, मगर यह कोई बताने के लिए तैयार नहीं कि आखिर बीमा क्लेम क्योंं नहीं मिल रहा। अब तो पानी की टंकी पर चक्कर आ रहे हैं। टंकी पर रात्रि के समय काफी तकलीफ झेलनी पडती है। रात्रि के समय नींद नहीं आ रही है। यहां पर कबूतरों की बीठ से बदूब आ रही है। वहीं जगह नहीं होने पर अच्छे से सो नही पा रहे हैं।
किसानों को प्रताडि़त करने की बजाय बीमा क्लेम देकर राहत पहुंचाए सरकार: राठौड़
प्रदेश सचिव कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ भूपेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि गांव नारायणखेड़ा में बीमा क्लेम को लेकर धरने पर बैठे किसानों को प्रताडि़त करने की बजाय सरकार बीमा क्लेम की राशि तुरंंत प्रभाव से जारी कर किसानों को राहत पहुंचाने का काम करे।
उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार किसान हितैषी होने की दम भरती है, लेकिन दूसरी तरफ किसानों की वाजिब मांगों को स्वीकार न कर उनके जख्मों पर नमक छिडक़ने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि एक तो प्राकृतिक आपदा के कारण किसान पहले से ही संकट में है और दूसरी तरफ सरकार 3 माह से अधिक समय से धरना लगाने के बाद भी बीमा क्लेम की राशि जारी करने में बार-बार आनाकानी कर रही है। राठौड़ ने कहा कि सरकार की नियत में खोट है।
सरकार बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाने की फिराक में है। सरकार किसान कौम को कमजोर न समझे, यही वही कौम है, जिसने सरकार द्वारा लागू किए गए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए सरकार को मजबूर कर दिया था। राठौड़ ने कहा कि सरकार अवलिंब बीमा क्लेम जारी कर किसानों को राहत पहुंचाए।