अवैध कब्जों पर पीला पंजा चलना शुरू, 20 एकड़ गोचर भूमि पर लोगों ने कर रखा था कब्जा

अवैध कब्जों पर पीला पंजा चलना शुरू, 20 एकड़ गोचर भूमि पर लोगों ने कर रखा था कब्जा
Today Haryana: ग्राम पंचायत केशवगढ़, मोहनगढ़ तहसील के अंतर्गत स्थित गांव में शुक्रवार को प्रशासनिक टीम ने सरकारी जमीन से अवैध कब्जे को हटा दिया। पंचायत ने करीब 4 महीने पहले इस जमीन को सामुदायिक भवन के लिए चिह्नित किया था, लेकिन अवैध कब्जे के कारण भवन का निर्माण रुका हुआ था। इस मामले की शिकायत पंचायत सरपंच शशि जैन ने मोहनगढ़ तहसील में कराई थी।
सरपंच प्रतिनिधि पुष्पेंद्र जैन ने बताया कि खसरा नंबर 188 पर सामुदायिक भवन बनाने की योजना थी। इसके लिए इंजीनियर ने निर्माण के लिए ले-आउट भी तैयार किया था। इसके बाद जमीन पर केशराम यादव और नरेंद्र यादव ने अवैध ढंग से कब्जा करके बाड़ लगा दी थी। मामले की शिकायत पर सरपंच शशि जैन ने तहसील न्यायालय में याचिका दाखिल की थी।
मोहनगढ़ तहसीलदार ने 7 जून को बेदखली का आदेश जारी किया था। आदेश के अनुसार, आज राजस्व टीम ने मोहनगढ़ थाने के प्रभारी और बंधा चौकी के साथ मौके पर पहुंचकर जेसीबी मशीन का उपयोग करके अवैध कब्जे को हटा दिया।
साथ ही, अवैध कब्जे करने वालों को समझाया गया है कि अब किसी भी प्रकार की तकलीफ नहीं पैदा की जाए। अगर किसी ने फिर से शासकीय जमीन पर कब्जा किया तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी और शासकीय कार्य में बाधा पैदा होगी।
अवैध कब्जे पर गोचर जमीन का असर
ग्राम पंचायत में करीब 20 एकड़ गोचर भूमि है, जिस पर लोगों ने अवैध ढंग से कब्जा करके अवैध निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। पंचायत सरपंच ने 16 मई को तहसील कार्यालय से निर्माण कार्य पर स्टे ऑर्डर जारी करवाया था, लेकिन फिर भी कुछ लोग गोचर भूमि पर अवैध निर्माण कार्य कर रहे हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से गोचर भूमि को मुक्त करवाने की मांग की है।
इस प्रकार, सरकारी जमीन पर हुए अवैध कब्जे को हटाने से ग्रामीणों को न्याय मिला है। प्रशासनिक टीम ने कठिनाइयों का सामना करते हुए अवैध कब्जे को समाप्त कर दिया है और निर्माण कार्य को फिर से शुरू करने का मार्ग प्रदान किया है। सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के साथ ही, अवैध कब्जे करने वालों को न्यायाधीशों द्वारा चेतावनी दी गई है कि ऐसी कार्रवाई फिर से नहीं होनी चाहिए। इससे सरकारी कार्य में कोई बाधा नहीं आएगी और ग्रामीण समाज को न्याय मिलेगा।