हरियाणा के इस जिले के हुक्म चंद उर्फ चांद माही ने विश्व की अनेक चोटियों को छूकर बनाया कीर्तिमान

जिद व जुनून के आगे ऊंची से ऊंची चोटियां भी नतमस्तक
ऐलनाबाद निवासी हुक्म चंद उर्फ चांद माही ने विश्व की अनेक चोटियों को छूकर बनाया कीर्तिमान
सामान्य परिवार से संबंध रखने वाले हुक्म चंद ने परिस्थितियों का डटकर किया सामना
उत्त्तराखंड में हुए भूस्खलन के दौरान रैस्कयू आप्रेशन में भी निभाई थी अह्म भूमिका
Today Haryana : सिरसा। सफलता डिग्री नहीं, हुनर मांगती है। सिहरियां उन्हें मुबारक कर दो, जिन्हें सिर्फ छत तक जाना है, रास्ता खुद बनाओ तुम्हें तो आसमां में घर बनाना है... इन पंक्तियां को सार्थक कर रहा है ऐलनाबाद के वार्ड नंबर 12 निवासी पर्वतारोही हुक्म चंद उर्फ चांद माही। सामान्य परिवार से संबंध रखने वाले हुक्म चंद उर्फ चांदी माही ने हिम्मत, बुलंद हौंसले और जुनून से वो सब कर दिखाया, जिसे करना तो दूर, सोचने भर से भी डर लगता है। अपने बुलंद हौंसले और दृढ़ निश्चय से हुक्म चंद ने विश्व की ऊंची से ऊंची पर्वत चोटियों को छूकर उन लोगों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है, जो सबकुछ होकर भी कुछ नहीं कर पाते। हालांकि परिस्थितियां हुक्म चंद उर्फ चांद माही के अनुकूल नहीं थी, लेकिन बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और अपने दृढ़ निश्चय से एक नया मुकाम हासिल किया है। हुक्म चंद की सफलता पर न केवल परिवार, बल्कि पूरे ऐलनाबाद हलके के लोग गर्व करते हैं। वहीं इतना सब कुछ होने के बाद भी हुक्म चन्द का परिवार कमजोर आर्थिक हालात से जूझ रहा है, लेकिन कोई परिवार की मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ा रहा।
इन चोटियों पर की अब तक चढ़ाई:
हुक्म चन्द उर्फ चांद माहीं पिछले कई सालों में देश-विदेश की चोटियों पर चढ़ाई कर चुका है। जिनमें माउंट एलब्रश, मास्को, रशिया (यूरोप) ऊंचाई 18510 फुट, जोकि यूरोप की सबसे ऊंची चोटी है। किलिमंजारो, दक्षिण अफ्रीका, ऊंचाई 19341 फुट, माउंट नून, कारगिल, लद्दाख, ऊंचाई 23409 फुट, माउंट बाला चंद्र, मनाली (हिमाचल प्रदेश) ऊंचाई 16000 फुट आदि। अब चांद माही ऑस्ट्रेलिया की 17352 फुट ऊंची चोटी स्कियूजको पर चढ़ाई करने का सपना पाले हुए है। इस चोटी का शिखर समुद्र स्तर से 7310 फीट ऊंचा है। यह न्यू साउथवेल्स, ऑस्ट्रेलिया में स्थित हैं। अभी तक यह पर्वतारोही सात में से दो महाद्वीपों की चोटियां फतेह कर चुका है। हुक्म चन्द का सपना है की वह सभी महाद्वीपों की ऊंची चोटियों को फतेह करना चाहता है। यही नहीं 4 अक्तूबर 2022 को माऊंट डी के डी-2 उत्त्तरकाशी, उत्त्तराखंड में हिमस्खलन हुआ था, जिसमें हुक्म चंद ने माऊंटेन रेस्कयू टीम के साथ 4 अक्तूबर से 3 नवंबर तक सफलतापूर्वक अपना सहयोग दिया।
शहरवासियों का रहा भरपूर सहयोग, मगर अब भी सहारे की आस:
हुक्म चन्द उर्फ चांद माहीं एक सामान्य परिवार से सम्बन्ध रखता है। उपरोक्त चोटियों तक अपने स्तर पर चढऩा इतना आसान नहीं था, लेकिन उनके बुलंद हौंसले को देखते हुए शहर की सामाजिक संस्थाओं व शहरवासियों ने उसका आर्थिक व सामाजिक सहयोग किया, जिनकी बदौलत वह इस मुकाम को हासिल कर पाया। हालांकि उसकी पारिवारिक हालत आज भी कमजोर है और परिवार को आर्थिक सहयोग की जरूरत है। उन्होंने सभी संस्थाओं से आह्वान किया कि वे उनके इस सपने को साकार करने में सहयोग करें।