Haryana Budget 2023: हरियाणा CM मनोहर लाल ने बताया क्रांतिकारी बजट, आवास योजना का बजट 66 फीसदी बढ़ा

 हरियाणा CM मनोहर लाल ने बताया क्रांतिकारी बजट, आवास योजना का बजट 66 फीसदी बढ़ा

Today Haryana , Chandigarh। Published by: sandeep Verma। Wed. 1 Feb. 2023

हरियाणा: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश कर दिया। सरकार ने अलग-अलग वर्गों के लिए कई बड़े एलान किए हैं। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने बजट का स्वागत किया है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद भवन में वित्तीय वर्ष 2023-24 का आम बजट पेश कर दिया है। इस बजट को हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने अमृत काल का यह पहला और क्रांतिकारी बजट बताया है। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि बजट हर वर्ग का ख्याल रखकर तैयार किया गया है।

 

युवा, महिला, किसान, उद्यमी मजदूर सभी वर्गों को बजट का फायदा होगा। 7 लाख तक कर में छूट मध्यम और नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ी राहत है। अंत्योदय की भावना को ध्यान में रखकर बजट बनाया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना का बजट बढ़ाना अच्छा कदम है। केंद्र की बजट से प्रेरणा लेकर आने वाले वक्त में हरियाणा की जनता के लिए बजट तैयार करेंगे।

बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश कर दिया। मध्य वर्ग को टैक्स स्लैब में बड़ा छूट दिया गया तो नौकरीपेशा और व्यापारियों को भी अलग-अलग तरह से राहत देने की कोशिश हुई।

आवास योजना का बजट 66 फीसदी बढ़ा

बजट में गरीबों के लिए केंद्र सरकार का सबसे बड़ा एलान आवासीय योजना को लेकर हुआ। पिछले साल के मुकाबले सरकार ने इस बार आवासीय योजना के बजट में 66 फीसदी की बढ़ोतरी की है। पिछली बार आवासीय योजना के 48 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसके जरिए देशभर में ग्रामीण और शहरी इलाकों में कुल 80 लाख घरों का निर्माण किया गया। पीआईबी की एक अधिसूचना के अनुसार, तीन जनवरी, 2022 तक कुल 1.14 करोड़ घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई थी, जिनमें से 53.42 लाख घरों का निर्माण और वितरण किया जा चुका है। अधिसूचना में कहा गया है कि नई तकनीकों का उपयोग करके 16 लाख घरों का निर्माण किया जा रहा है।

गरीब परिवार को अगले साल तक मुफ्त राशन

केंद्र सरकार ने सभी अंत्योदय और प्राथमिकता परिवारों को अगले साल यानी 2024 तक मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने का एलान किया है। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग दो लाख करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।

 

जेल में बंद गरीबों की रिहाई कराएगी सरकार

जेल में बंद गरीबों के मुद्दे को पहली बार केंद्र सरकार ने अपने बजट में शामिल किया है। इसके अनुसार, पैसों की तंगी के चलते जो कैदी जेल से बेल नहीं ले पाते हैं, उनका खर्च सरकार उठाएगी। ऐसे करीब दो लाख कैदी हैं, जिनकी सजा पूरी हो चुकी है, लेकिन रिहाई के लिए तय की गई रकम न होने से वह जेल में ही बंद रहते हैं। अब ऐसे गरीबों की मदद के लिए सरकार ने हाथ आगे बढ़ाया है।

 

कृषि स्टार्टअप और मोटे अनाज को बढ़ावा

कृषि क्षेत्र के लिए इस बार सरकार ने कई बड़े एलान किए हैं। सरकार ने इस साल किसानों को 20 लाख करोड़ तक ऋण बांटने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना की शुरुआत की है।

 

सात लाख रुपये तक की आय पर सरकार कोई टैक्स नहीं

अब सात लाख रुपये तक की आय पर सरकार कोई टैक्स नहीं लेगी। अब तक पांच लाख रुपये से अधिक आय पर टैक्स देना पड़ता था। सरकार ने टैक्स स्लैब को भी बदल दिया है। आइए जानते हैं कि अब नया टैक्स स्लैब कैसा होगा?

नई कर व्यवस्था कैसी होगी?

आय टैक्स रेट
0-3 लाख कोई टैक्स नहीं
3 से 6 लाख 5%
6 से 9 लाख 10%
9 से 12 लाख 15%
12 से 15 लाख 20%
15 लाख से अधिक 30%

आसान शब्दों में समझें नए टैक्स स्लैब का मतलब

अगर आपकी आय सात लाख या उससे कम है तो आपको उसपर कोई टैक्स नहीं देना होगा। सात लाख से ज्यादा आय होने पर ही आप टैक्स के दायरे में आएंगे। मान लीजिए आपकी आय नौ लाख रुपये है। ऐसे में आपको कुल 45 हजार रुपये टैक्स देना पड़ेगा। आपकी आय के तीन लाख रुपये टैक्स फ्री होंगे। तीन से छह लाख रुपये तक की आय पर पांच फीसदी यानी 15 हजार रुपये टैक्स लगेगा। छह से नौ लाख रुपये तक की आय पर दस प्रतिशत यानी 30 हजार रुपये टैक्स लगेगा। इस तरह से आपकी कुल टैक्स देनदारी 45 हजार रुपये होगी।

 

अब नए टैक्स स्लैब का फायदा जान लीजिए

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए टैक्स स्लैब का खुद फायदा भी गिनाया। उन्होंने कहा, पहले नौ लाख रुपये तक की आय वालों को 60 हजार रुपये टैक्स देना पड़ता था। अब इस आय वर्ग में आने वाले लोगों को 25 फीसदी तक का फायदा होगा। ऐसे लोगों को अब 45 हजार रुपये ही टैक्स देना होगा। इसी तरह 15 लाख रुपये तक की आय पर पहले 1 लाख 87 हजार 500 रुपये का टैक्स लगता था। अब 20 प्रतिशत के फायदे के साथ ऐसे लोगों को 1 लाख 50 हजार रुपये ही टैक्स के रूप में देने होंगे।

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