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क्षेत्र के विकास में अहम कड़ी बना सीडीएलयू, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमक रहा सिरसा का नामः कुलपति

CDLU becomes an important link in the development of the region, Sirsa's name is shining at the international level: Vice Chancellor
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CDLU

टूडे हरियाणा:  विद्यार्थियों के संपूर्ण व्यक्तित्व विकास के उद्देश्य से सीडीएलयू सिरसा द्वारा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी-2020 से संबंधित स्नातक स्तर के 12 शैक्षणिक प्रोग्राम्स सफलतापूर्वक संचालित किये जा रहे हैं व इन कार्यक्रमों को लेकर विद्यार्थियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। इन कार्यक्रमों से विद्यार्थियों में वर्तमान समय की जरूरतों के मुताबिक कौशल का निर्माण हो रहा है जो उनके करियर में सफलता को सुनिश्चित कर रहा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक ने कहा कि सीडीएलयू सिरसा प्रदेश के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में से एक है व अपने विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रो. मलिक ने कहा कि विश्वविद्यालय के पास उच्च कोटी के शिक्षाविद्द होने के साथ-साथ अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं एवं तकनीक आधारित लैंगवेज लैब, कम्प्यूटर लैब तथा इंडोर व आउडडोर खेल सुविधाएं होने की वजह से विद्यार्थियों के कौशल को बेहतर ढंग से विकसित किया जाता है। इतना ही नहीं सांस्कृतिक गतिविधियों में बढ़ चढ़कर भाग लेने के लिए युवा कल्याण निदेशालय द्वारा विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया जाता है। कुलपति ने कहा कि सीडीएलयू द्वारा वर्ष 2021-22 में गुणवत्तापरक शिक्षा को बढ़ावा देते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुपालना करते हुए 6 रोजगारोन्मुखी एवं कौशल विकास से सम्बंधित पाठयक्रमों को प्रारम्भ किया था और अब इसके सार्थक परिणाम भी सामने आने लगेगें। वर्ष 2022-23 में एनईपी के तहत कार्यक्रमों की संख्या बढ़ाते हुए 12 कर दी गई है और वर्ष 2023-24 से इन सभी पाठ्यक्रमों का ऑर्डिनेंस यूजीसी तथा राज्य सरकार के नवीनतम मानकों के अनुरूप कर दिया गया है। शैक्षणिक सत्र 2024-25 से महाविद्यालय स्तर पर एनईपी को पूर्ण रूप से लागू करने के लिए रणनीति तैयार करने की प्रक्रिया जारी है।

कुलपति ने कहा कि एनईपी के मानकों के अनुरूप इंट्रनशिप पर विद्यार्थियों को भेजने की व्यवस्था प्रत्येक शैक्षणिक कार्यक्रम में अनिवार्य की गई है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास में सीडीएलयू अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि इन सभी पाठ्यक्रमों में यूजीसी द्वारा जारी किए दिशानिर्देशों के अनुसार लीडरशिप एंड मैंनेजमेंट स्किल, यूनिवर्सल ह्युमन वैल्यूज, प्रोफेशनल स्किल्स, कम्युनिकेशन स्किल्स आदि को वेल्यू एडिड कोर्स के रूप में पढ़ाया जा रहा है। इसी तरह से एबिलिटी इन्हॉंसमेंट के विषय पढ़ाकर विभिन्न भाषाओं तथा साहित्य के प्रति विद्यार्थियों में रुचि जागृत करके उनके कौशल को विकसित किया जा रहा है। विद्यार्थियों के कौशल विकास को ध्यान में रखते हुए विषय अनुसार कौशल को बढ़ावा देने का कार्य भी विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा है।

12वीं पास विद्यार्थियों के लिए खुले यूनिवर्सिटी के द्वार

कुलपति कहा कि विश्वविद्यालय एनईपी- 2020 के अनुरूप पाठयक्रमों को प्रारम्भ करने वाला प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है। यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ ग्रैजुएट स्टडीज के माध्यम से 10+2 पास विद्यार्थियों के लिये विश्वविद्यालय के द्वार खुले और मल्टी एग्जिट की फैसिलिटी वाले पाठयक्रमों में विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है। इन सभी विद्यार्थियों को नई शिक्षा नीति के अनुरूप सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिये विश्वविद्यालय प्रशासन वचनबद्ध है। वर्तमान में विश्वविद्यालय परिसर के विभिन्न विभागों में तीन वर्ष पूर्व छात्र 2700 थी जो वर्तमान में  5200 से अधिक है  ।

इंटरनेशनलाइजेशन की तरफ तेज कदम

विश्विद्यालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय क्नेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रयास तेज किए गए हैं। विभिन्न पी.एच.डी. पाठयक्रमों में 12 विदेशी विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है तथा उनका शोध कार्य जारी है। इसके अलावा अनेक राष्ट्रों के साथ पत्राचार जारी है। कुलपति ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स के आने से सांस्कृतिक आदान प्रदान होता है और सांस्कृतिक समृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि 4 विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ सीडीएलयू के एमओयू साइन हो चुके हैं। इनके साथ शोधार्थियों व फैक्लटी द्वारा शोध गतिविधियों के साथ –साथ सांस्कृतिक आदान प्रदान किया जाएगा।

10 अकेडमिक काउंसिल व 13 कार्यकारी परिषद की मीटिंग्स आयोजित

कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के गैर-शिक्षक कर्मियों तथा शिक्षकों के सहयोग से राष्ट्रीय स्तर के मानकों के अनुरूप शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से गत 3 वर्षों के अंतराल में 10 शैक्षणिक परिषद की तथा 13 कार्यकारी परिषद तथा 1 अकेडमिक प्लानिंग बोर्ड की बैठकों में संस्थान हित से सम्बंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। उन्होंने कहा कि इस तरह की मीटिंग्स विश्वविद्यालय के विकास में अहम होती हैं क्योंकि इनके द्वारा ही विश्वविद्यालय के विकास को लेकर रणनीति तैयार की जाती हैं व कार्यों पर मुहर लगाई जाती है।

मेडिकल कोर्स भी हुए शुरु, लॉ में बढ़ाई सीटें

वर्तमान शेक्षणिक सत्र से   विश्वविद्यालय में इंटीग्रेटिड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम भी शुरु किया गया है जिसके तहत चार वर्षीय बीए. बीएड तथा बीएससी बीएड की डिग्री प्रदान की जाती है। आईटेप के तहत चार वर्षीय बीएससी -बीएड की डिग्री शुरु करने वाला सीडीएलयू प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है। यह कोर्स अपनी तरह का यूनीक कोर्स है जिसे सीडीएलयू ने प्रारंभ करते हुए विद्यार्थियों के हित में कदम उठाया है। इसके अलावा शोध को बढ़ावा देने के लिए सेन्सस डाटा सेंटर विकसित किया गया है।  बी. फॉर्मा व एमएससी मनौविज्ञान, सर्टिफिकेट इन योगा के कोर्स भी प्रारंभ करते हुए सीडीएलयू ने विद्यार्थियों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है। एलएलबी में भी सीटों की संख्या बढ़ाते हुए 60 से 120 कर दी गई हैं। क्योंकि इस कोर्स में विद्यार्थियों में मारामारी रहती है।

डिजिलॉकर व एबीसी से क्नेक्ट हुआ सीडीएलयू

विद्यार्थियों को डिग्री अब ऑनलाइन भी मुहैया करवाने की पहल सीडीएलयू ने की है। विद्यार्थियों के कोर्स के क्रेडिट सीधे एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट से जुड़े हुए हैं और उनकी डिग्री डिजी लॉकर से भी कनेक्ट हैं जिससे विद्यार्थियों को अपनी डिग्री की हार्ड कॉपी के बजाए सॉफ्ट कॉपी भी उपलब्ध करवाई जा रही है। ऑनलाइन फॉर्मों को भरते समय सुविधा होगी

सिविल सर्विस की कोचिंग की सुविधा

देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा के प्रति विद्यार्थियों की रुचि को मद्देनजर रखते हुए विश्वविद्यालयन ने निशुल्क कोचिंग देने की सुविधा शुरु कर रखी है। कुलपति ने बताया कि यूपीएससी में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया जा रहा है व एक्सपर्ट द्वारा कोचिंग की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के हितों को लेकर हम पूरी तरह से गंभीर हैं।

एनटीए का सेंटर  स्थापित

सीडीएलयू में एनटीए की परीक्षाओं को आयोजित करवाने के लिए सेंटर की स्थापना का कार्य पूरा हो चुका है। अत्याधुनिक बिल्डिंग बनकर तैयार है और एनटीए के द्वारा भी मंजूरी प्रदान की जा चुकी है। अब एनटीए के कम्प्युटर बेसड ऑनलाइन टेस्ट सिरसा के सीडीएलयू  में आयोजित होंगे । कुलपति ने कहा कि इस यह एक महत्वपूर्ण कार्य है जिसका इस पूरे क्षेत्र के विद्यार्थियों को लाभ होगा।

राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी का भी किया निर्वाह

विश्वविद्यालय ने आजादी के अमृत महोत्सव व जी-20 के तहत अनेक गतिविधियों का आयोजन करते हुए राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी का भी बखूबी निर्वाह किया है। कुलपति ने बताया कि इस दौरान अनेक शैक्षणिक कार्यक्रम किये गए जिसमें विद्यार्थियों ने रिसर्च व अनेक अकेडमिक कार्य करते किये। कुलपति ने बताया कि जरुरतमंद विद्यार्थियों को फीस भुगतान में आर्थिक सहयोग भी विश्वविद्यालय प्रदान करने का कार्य कर रहा है।