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इस प्रदेश का ये एक्सप्रेसवे सौर ऊर्जा से होगा पूरा जगमग, एक्सप्रेसवे के दोनों ओर पैदा होगी बिजली, 7 जिलों के लोगों को मिलेगा फायदा।

This expressway of this state will be fully illuminated by solar energy, electricity will be generated on both sides of the expressway, people of 7 districts will get benefit.
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इस प्रदेश का ये एक्सप्रेसवे सौर ऊर्जा से होगा पूरा जगमग

इस प्रदेश का ये एक्सप्रेसवे सौर ऊर्जा से होगा पूरा जगमग, एक्सप्रेसवे के दोनों ओर पैदा होगी बिजली, 7 जिलों के लोगों को मिलेगा फायदा। 
 

Today Haryana: उत्तर प्रदेश में बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे की नई योजना ने सौर ऊर्जा के साथ नए दिशानिर्देश प्रस्तुत किए हैं। यह परियोजना न केवल राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, बल्कि साथ ही पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। इस प्लान में एक्सप्रेसवे के दोनों ओर सौर पैनल लगाए जाएंगे, जिससे सड़कों की ओर से बिजली का उत्पादन होगा।

 
सौर पैनल अभियान:
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे के दोनों ओर सौर पैनलों की स्थापना का प्रस्ताव राज्य सरकार द्वारा किया गया है। इसके माध्यम से सड़क के किनारे बिजली का उत्पादन होगा, जिससे ऊर्जा संकट को कम किया जा सकता है।

सौर ऊर्जा परियोजनाएं: उत्तर प्रदेश सरकार की सौर ऊर्जा नीति 2022 के तहत, 2026-27 तक 22,000 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं का लक्ष्य हासिल करना है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे परियोजना इस उद्देश्य की प्राथमिकता को मजबूती से अपनाती है।

विकास के क्षेत्रों का प्रोत्साहन: इस परियोजना से उत्तर प्रदेश के सात जिलों के विकास के क्षेत्रों में व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। औद्योगिक क्लस्टर के विकास से स्थानीय आवासीयों को रोजगार के अवसर मिल सकते हैं।

 
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे पर सोलर पैनलों की स्थापना से बिजली की आपूर्ति और सड़कों की रोशनी की व्यवस्था सुधारेगी।
निजी कंपनियों को सोलर पैनलों की स्थापना का अवसर मिलेगा, जिससे विकास की गति तेजी से बढ़ सकती है।


पर्यावरण सुरक्षा के साथ-साथ सौर ऊर्जा का उपयोग करके उत्तर प्रदेश सरकार विकास की मात्रा को भी बनाए रख सकती है।
यूपी के इस सौर एक्सप्रेसवे के प्रोजेक्ट में सड़कों के किनारे सोलर पैनलों की स्थापना से ऊर्जा संकट को कम करने के साथ-साथ राज्य के विकास को भी तेजी मिल सकती है। यह पहल न केवल उत्तर प्रदेश के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।