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Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन पर वापस ‌नहीं होगा NPS, 2024 में फंसेगी रार

Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन पर वापस नहीं होगा NPS, 2024 में
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Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन पर वापस ‌नहीं होगा NPS, 2024 में फंसेगी रार

Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन पर वापस ‌नहीं होगा NPS, 2024 में फंसेगी रार

Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन पर वापस ‌नहीं होगा NPS, 2024 में फंसेगी रार

Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन पर वापस ‌नहीं होगा NPS, 2024 में फंसेगी रार

कर्मचारी जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में आया है, उसे एनपीएस से बाहर निकाल कर ओपीएस में शामिल किया जाएगा। केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन व्यवस्था ‘ओपीएस’ को दोबारा से लागू करने को लेकर अपना मत साफ कर दिया है।

 सरकार, मौजूदा एनपीएस यानी ‘नेशनल पेंशन स्कीम’ को वापस नहीं लेगी। ओपीएस लागू करने का अभी कोई विचार नहीं है। दूसरी तरफ कर्मचारी संगठनों का रुख देखकर लगता है कि अब 2024 में रार फंसेगी।

लोकसभा चुनाव से पहले विभिन्न कर्मचारी संगठन केंद्र पर दबाव बनाने की रणनीति तैयार कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि अब विपक्ष भी ‘ओपीएस’ का समर्थन कर रहा है।

 चुनाव के मौके पर कर्मचारी संगठनों और राजनीतिक दलों के दाव को भाजपा नहीं काट सकेगी। वजह, पुरानी पेंशन के मसले पर अब केंद्र सरकार के कर्मचारी ही नहीं, बल्कि अधिकांश राज्यों के कर्मचारी संघ भी साथ आ रहे हैं।

पीआईबी की जांच में फर्जी निकला मैसेज

पिछले सप्ताह एक मैसेज वायरल हो गया था। दरअसल, यह किसी दस्तावेज का हिस्सा था। उसमें कहा गया था कि कर्मचारियों के वेलफेयर की खातिर केंद्र सरकार अब पुरानी पेंशन व्यवस्था को दोबारा से लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

जो भी कर्मचारी जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में आया है, उसे एनपीएस से बाहर निकाल कर ओपीएस में शामिल किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्यों से भी अनुरोध किया है कि वह ओपीएस लागू होने के बाद राजस्व पर पड़ने वाले अतिरिक्त भार की समीक्षा करें।

इस संबंध में 25 अगस्त तक रिपोर्ट भेजें। दस्तावेज में साल 2023 से ओपीएस को लागू करने की बात कही गई है। जब यह मैसेज वायरल हुआ तो पीआईबी ने इसके तथ्यों की जांच पड़ताल की।

 केंद्रीय कैबिनेट की 29 मई को हुई बैठक में उक्त निर्णय लिया गया, यह बात गलत निकली। पीआईबी ने कहा, ये मैसेज फर्जी है। 29 मई को रविवार था। उस दिन कैबिनेट की बैठक नहीं हुई।

पीआईबी ने अपने फैक्ट चेक में इस मैसेज को पूरी तरह से भ्रामक व निराधार बताते हुए कहा, सरकार के सामने ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के महासचिव और रक्षा मंत्रालय की जेसीएम-2 लेवल काउंसिल के सदस्य मुकेश सिंह का कहना है, सरकार को ‘पुरानी पेंशन व्यवस्था’ लागू करनी होगी।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में पीएम को कई सुझाव दिए हैं। केंद्र सरकार अगर एनपीएस को खत्म नहीं करना चाहती, तो उसे कर्मियों को शर्तिया न्यूनतम पेंशन जो कि अंतिम वेतन का आधा हो, प्रदान करना होगा।

इतना ही नहीं, इसे महंगाई राहत भत्ते से भी जोड़ना होगा। केंद्र सरकार, इस संबंध में जल्द ही कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लेती है तो केंद्रीय कर्मियों का आंदोलन तय है।

खास बात ये है कि केंद्रीय कर्मियों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों के कर्मचारी संगठन भी दिल्ली पहुंचकर सरकार पर दबाव बनाएंगे।

सीएपीएफ में भी पेंशन बहाली की मांग

कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस मार्टियर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह ने कहा, जब सेना और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों का खतरा जब एक जैसा है, तो पैरामिलिट्री जवानों की पेंशन बंद क्यों की गई।

सीएपीएफ जवानों को मिलने वाले राशन मनी भत्ते पर भी टैक्स लगा दिया गया, जबकि सेना में ऐसा नहीं है। पुरानी पेंशन बहाली, वन रैंक वन पेंशन व अन्य भलाई संबंधित मुद्दों को लेकर 12 सितंबर 2022 को सुबह 10 बजे कॉन्स्टिट्यूशन क्लब नई दिल्ली में ऑल इंडिया सेमिनार आयोजित की जाएगी।

 अगर उसके बाद भी सरकार नहीं जागी तो 2024 के लोकसभा चुनाव में अर्धसैनिकों की ताकत का अहसास कराया जाएगा। बतौर रणबीर सिंह, किसी भी केंद्रीय मंत्री ने सीएपीएफ की पेंशन बहाली का मुद्दा नहीं उठाया।

अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ ‘एआईडीईएफ’ के महासचिव श्रीकुमार ने कहा, पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारी संगठन अब लामबंद होने लगे हैं।

राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में पुरानी पेंशन व्यवस्था चालू है। राष्ट्रव्यापी स्तर पर सरकार को घेरने के लिए आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है।

अखिल भारतीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चे का कहना है, अब केंद्र सरकार व बाकी बचे राज्यों में पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष होगा। इसके लिए सभी राज्यों के कर्मचारी संगठनों से संपर्क किया जा रहा है।

अगले वर्ष लाखों सरकारी कर्मी, पुरानी पेंशन के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में पहुंचकर गर्जना करेंगे। दूसरी ओर, पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने का केंद्र सरकार का कोई इरादा नहीं है।

संसद में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय में राज्यमंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड ने कहा था कि पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल करने का कोई भी प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है