Haryana PPP Yojana: हरियाणा में अब परिवार पहचान पत्र में दर्ज होगा जमीन का रिकार्ड, यहां देखें पूरी जानकारी

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Haryana PPP Yojana: हरियाणा में अब परिवार पहचान पत्र में दर्ज होगा जमीन का रिकार्ड, यहां देखें पूरी जानकारी
Haryana PPP Yojana: सभी छोटे-बड़े किसानों को सरकार एक ऐसे मंच पर जोड़ने की तैयारी कर रही है जहां उन्हें समय पर कृषि और बाजार की जानकारी मिलेगी। डिजिटल प्लेटफार्म के जरिये किसान अपनी फसल बेच सकेंगे। इस प्रोजेक्ट को एग्रीस्टैक नाम दिया गया है।
किसानों व उनकी कृषि भूमि का डाटा एकत्र करके डिजिटल प्लेटफार्म बनाया जाएगा। प्रदेश में एग्रीस्टैक परियोजना को लागू करने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण तथा राजस्व विभाग के अधिकारी मिलकर काम करेंगे। किसानों के परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) को भू-अभिलेखों से जोड़ने की प्रक्रिया मैं तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। एग्रीस्टैक एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र है जो डिजिटल सेवाओं के माध्यम से किसानों को खेती करने और उच्च रिटर्न सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है।
योजना को सिरे चढ़ाने के लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों को 31 मार्च तक सभी गांवों के भू-संदर्भ और भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआइएस) आधारित रीयल टाइम फसल सर्वेक्षण का काम पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है। साथ ही ई- गिरदावरी एप्लिकेशन को अपग्रेड किया जाएगा ताकि उसमें डिजिटल कैडस्ट्राल मैप और क्षेत्र की तस्वीरों को शामिल किया जा सके । इससे प्राकृतिक आपदा की स्थिति में फसल को हुए नुकसान का वास्तविक आकलन करने में भी मदद मिलेगी। भू-अभिलेखों के डेटा में अधिक सटीकता लाने के लिए पटवारियों की मदद ली जाएगी।
मेरी फसल मेरा व्योरा पोर्टल पर 12 लाख 80 हजार किसानों का डाटा
वर्तमान में राज्य के 19 लाख 90 हजार किसानों में से करीब 12 लाख 80 हजार किसानों का डेटा मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर उपलब्ध है। कृषि अधिकारियों को 100 प्रतिशत किसानों का डाटा इस पोर्टल पर अपडेट कराने के लिए कहा गया है। ड्रोन डेटा और कोर्स का उपयोग करके सर्वे आफ इंडिया द्वारा राज्य में गांव के नक्शे का भू-संदर्भ लिया जा रहा है।