मौत पीछा करती है: ट्रेन में सफर कर रहे यात्री की गर्दन के आर-पार हुई लोहे की रॉड, रेलवे में मचा हड़कंप

मौत पीछा करती है यह बात साबित हुई। ट्रेन धड़धड़ाती हुई दौड़ रही थी। हरिकेश दुबे भी अपने गंतव्य जाने को इत्मीनान से बैठे थे। फिर एक दम एक सब्बल खिड़की तोड़ते हुए उनकी गर्दन से सिर में होता हुआ सिरहाने में घुस गया और हरिकेश दुबे की मौके पर ही मृत्यु हो गयी।
Death In Train: घटना की सूचना पर RPF और रेलवे के आला अधिकारी मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी इकट्ठा करने में जुट गए. मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है.
Aligarh Train Passenger Death: ट्रेन में सफर कर रहे 35 साल के एक शख्स की लोहे की रॉड लगने से दर्दनाक मौत हो गई. घटना नीलांचल एक्सप्रेस (Nilanchal Express) में सफर के दौरान अलीगढ़ (Aligarh) के पास हुई. घटनास्थल पर मौजूद लोगों का कहना है कि जिस समय ये हादसा हुआ उस समय रेलवे ट्रैक पर मरम्मत का काम चल रहा था. किसी ने लोहे की रॉड लापरवाही से वहां रख दी, जिसकी वजह से ये हादसा हुआ.
घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमॉर्टम (Post Mortem) के लिए भेज दिया. पुलिस टीम घटनास्थल से जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है. इस घटना के कारण ट्रैक पर काफी समय तक ट्रेनों की आवाजाही को रोक दिया गया. इसकी वजह से रेल यात्रियों को कुछ समय के लिए दिक्कत का सामना करना पड़ा.
गर्दन से आर-पार हुई रॉड
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि घटना अलीगढ़ जिले के सोमना रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 3 पर हुई. नीलांचल एक्सप्रेस गाड़ी के सेकंड कोच की सीट नंबर 15 पर बैठकर यात्रा कर रहे एक यात्री की गर्दन से होकर एक लोहे की रॉड आर-पार हो गई, जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई. मृतक यात्री सुल्तानपुर का रहने वाला बताया जा रहा है. सूचना पर आरपीएफ, सीआरपीएफ और रेलवे के आला अधिकारी मौके पर पहुंच कर घटना की जानकारी इकट्ठा करने में जुट गए.
नींद ने बचा ली दूसरे युवक की जान
हादसे में दूसरा युवक भी चपेट में आ सकता था। दरअसल जनरल बोगी की जिस सीट पर हरिकेश बैठा था, उसकी दूसरी तरफ सीट संख्या पांच पर एक युवक यात्रा कर रहा था। सब्बल युवक के गर्दन और केबिन को चीरते हुए दूसरी ओर पहुंच गया था। घटना जब घटी तब दूसरा युवक सिर नीचे करके सो रहा था। अगर वह युवक बैठा होता तो उसके गर्दन में सब्बल घुस सकता था। घटना के बाद युवक बदहवास सा नजर आया। बोगी में मौजूद अन्य यात्रियों ने उसे संभाला।
क्या पटरी पर काम कर रहे मजदूर छोड़कर गए सब्बल
लोहे का भारी सब्बल ट्रेन की खिड़की तोड़कर यात्री की गर्दन में कैसे घुसा। यह रेलवे की जांच का विषय है। आशंका जताई जा रही है कि पटरी पर काम कर रहे मजदूर सब्बल छोड़कर गए होंगे। दरअसल सब्बल पटरी पर पड़ने वाले पत्थरों व सीमेंटड स्लैब को हटाने के काम में आता है। सब्बल लोहे की सरिया नुमा लंबा औजार होता है। सब्बल में करीब पांच किलो तक वजन होता है, जिसका एक भाग नुकीला होती है।
एनसीआर के सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय का कहना है कि सोमना और डाबर स्टेशन के बीच एक अजीबो गरीब हादसा हुआ है। जिसमें सुल्तानपुर के एक युवक की जान गई है। मामले की जीआरपी और आरपीएफ संयुक्त जांच कर रही है। परिजनों से वार्ता हुई है। परिजनों को रेलवे नियमों के अधीन मदद की जाएगी। सब्बल कैसे खिड़की से घुसा, पटरी के पास कहां से आया। इन सभी तथ्यों की जांच कराई जा रही है।