महिलाओं को अपना कारोबार शुरू करने के लिए बैंक दे रहा है 1 से 1.50 लाख रुपये, जल्द उठाएं लाभ।

महिलाओं को अपना कारोबार शुरू करने के लिए बैंक दे रहा है 1 से 1.50 लाख रुपये, जल्द उठाएं लाभ।
Today Haryana, Sarkari Yojana: प्रदेश में महिलाओं को स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों को प्रभावशाली ढंग से शुरू किया है। महिला विकास निगम द्वारा महिलाओं को स्वयं को व्यवसाय शुरू करने के लिए बैंकों के माध्यम से 1 लाख 50 हजार रुपये तक का ऋण विभिन्नों दिलवाया जा रहा है।
विधवा एवं तलाकशुदा महिलाओं के लिए भी निगम द्वारा ऋण योजना शुरू की गई है। विभाग के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि व्यक्तिगत ऋण योजना के अंतर्गत जिन महिलाओं की वार्षिक आय 1 लाख 50 हजार रुपये से कम है और आयकर दाता नहीं हैं। उन महिलाओं को राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से 1 लाख रुपये से 1 लाख 50 हजार रुपये तक का ऋण बैंकों को स्पॉन्सर किया जाता है।
निगम द्वारा 25 प्रतिशत अनुदान राशि अधिकतम 10 हजार रुपये (जनरल/बीसी कैटेगरी) तथा 25 प्रतिशत अनुदान राशि अनुसूचित जातियों के लिए अधिकतम 25 हजार रुपये होगी। लाभ प्राप्तकर्ता को कुल ऋण का 10 प्रतिशत हिस्सा स्वयं वहन करना पड़ेगा और शेष राशि राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से दी जाएगी। महिलाएं मनियारी दुकान, जनरल स्टोर, ब्यूटी पार्लर, सिलाई सेंटर, कपड़े का कार्य, बुटीक, हैंडलूम आदि विभिन्न कार्यो के लिए ऋण प्राप्त करके अपने व्यवसाय को बढ़ा भी सकती है।
उन्होंने बताया कि विधवा एवं तलाकशुदा महिलाओं को स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिए निगम द्वारा बैंकों के माध्यम से 3 लाख रुपये का ऋण प्रदान किया जा रहा है। महिलाओं को विभिन्न कार्यों जिसमें बुटीक, सिलाई, कढ़ाई, ई-रिक्शा, मसाला, आचार इकाइयां/खाद्य प्रसंस्करण, कैरी बैग, बेकरी, रेडीमेड गारमेंट्स इत्यादि का कार्य शुरू करने के लिए बैंक के माध्यम से ऋण दिया जा रहा है।
इन कार्यों के लिए महिलाओं को पूर्व प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। योजना के तहत जिन विधवा एवं तलाकशुदा महिलाओं की वार्षिक आय 3 लाख रुपये तथा आयु 18 से 55 वर्ष है वे इस योजना के तहत पात्र होंगी। कुल राशि का 10 प्रतिशत हिस्सा महिला को स्वयं वहन करना होगा तथा शेष 90 प्रतिशत राशि बैंक के माध्यम से दी जाएगी।
योजना के तहत बैंक ऋण के ऊपर लगने वाले ब्याज की प्रतिपूर्ति निगम द्वारा अनुदान के रूप में दी जाएगी। अनुदान की अधिकतम राशि 50 हजार रुपये तथा अवधि 3 वर्ष जो भी पहले होगी लागू की जाएगी।