छतों पर सोलर पैनल लगवाने के लिए करना पड़ेगा सिर्फ 10% का ही भुगतान, 25 साल तक फ्री पाए बिजली

आप अपने घर पर Solar Panel लगाकर अपनी बिजली की आपूर्ति पूरी करना चाहते हैं
आप अपने घर पर Solar Panel लगाकर अपनी बिजली की आपूर्ति पूरी करना चाहते हैं और बिजली पैदा करने वाली कंपनी को बेचकर ज्यादा बिजली पैदा करना चाहते हैं तो आज हम आपको पूरी प्रक्रिया बताने जा रहे हैं।
यदि आप अपनी छत पर Solar Panel Energy Plant लगाते हैं, तो आप इससे उत्पन्न बिजली को बेचकर कमा सकते हैं, Solar Panel से उत्पन्न बिजली से आप घर की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं, जिससे आपका मासिक बिजली बिल कम हो जाएगा। अगर आप एक बार Solar Plant लगाते हैं तो उसकी Solar Panel Validity 25 साल के लिए होती है यानी 25 साल तक आपको बिजली से जुड़ी कोई परेशानी नहीं होगी। Solar Plant Installation के लिए भी सरकार की ओर से आर्थिक और तकनीकी सहयोग दिया जा रहा है, जिससे Solar Plant लगाना काफी आसान और सस्ता हो गया है।
अगर आज के दौर में बिजली की जरूरत की बात करें तो हर घर में टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन और पंखा जैसे बिजली के उपकरण होते हैं, ऐसे में बिजली का बिल काफीआता है।इस बिजली बिल को कम करने के लिए आप अपनी छत पर लगभग 2 kW का सौर संयंत्र ऊर्जा प्रणाली स्थापित ()कर सकते हैं। यह घरेलू खपत पर निर्भर है।
अगर आप 1 kW का सिस्टम (Install 1 KW Soler System) लगाते हैं जो कि ग्रिड पर है तो इसमें आपको ₹54000 खर्च हो सकते हैं और अगर आप ऑफ ग्रिड सिस्टम लगाना चाहते हैं तो ₹90000, इसी तरह अगर हम बात करें तो 2 किलोवाट (Install 2 KW Soler System) में ₹108000-₹180000 खर्च होते हैं। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा इन प्रणालियों को स्थापित करने पर आपको सब्सिडी और वित्तीय मदद भी दी जाती है, जिससे इस लागत को कम किया जा सकता है।
Solar Panel Subsidy Govt Yojana
यदि आप बिहार राज्य के निवासी हैं तो वर्तमान में आपको बिहार सरकार द्वारा 1 से 3 KW सोलर पैनल इंस्टालेशन ( installing 1 to 3 KW Solar panels ) पर 65% तक की सब्सिडी दी जाती है और यदि आपने 3 से 10 किलोवाट के सोलर पैनल ( installing 3 to 10 KW Solar panels) स्थापित किया हुआ है, आपको 45% तक की सब्सिडी दी जाती है
कैसे काम करता है solar system?
वर्तमान में तीन प्रकार के solar panel system हैं, जिनमें से ग्रिड सिस्टम, ऑफ ग्रिड सिस्टम और हाइब्रिड सिस्टम पर हैं।
on grid system के तहत solar panel system सीधे बिजली आपूर्ति से जुड़ा होता है यानी आप बिजली को स्टोर नहीं कर सकते हैं। अगर बिजली की आपूर्ति नहीं होगी तो ऐसी स्थिति में यह प्रणाली काम नहीं करेगी। शहरी क्षेत्रों में On grid system का प्रयोग अधिकतर किया जाता है क्योंकि इन क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति निरंतर होती रहती है।
आइए एक उदाहरण से समझते हैं कि लाभ कैसे होते हैं।
मान लीजिए एक उपभोक्ता ने 300 यूनिट बिजली का इस्तेमाल किया और उसके Solar Panel ने ग्रिड को 240 यूनिट बिजली भेजी तो ऐसी स्थिति में उपभोक्ता को बाकी 60 यूनिट का ही बिल देना होगा। जानकारों से पता चला है कि अगर Solar Panel System को 4 से 5 साल तक इस्तेमाल किया जाए तो उस पर होने वाले खर्च की वसूली बहुत आसानी से की जा सकती है
इस प्रणाली को स्थापित करने के लिए छत पर कितनी जगह होनी चाहिए?
वैसे तो एक सामान्य घर की जरूरत को पूरा करने के लिए आपकी छत ज्यादा बड़ी नहीं होनी चाहिए, छत का एक छोटा सा हिस्सा भी आपका काम आसानी से कर सकता है। सामान्य तौर पर 1 किलोवाट का सोलर सिस्टम (Install 1 KW Solar System) लगाने के लिए 100 वर्ग फुट जगह की जरूरत होती है, 200 से 300 वर्ग फुट में एक परिवार की जरूरतें पूरी की जा सकती हैं। अगर आप Free Solar Panel लगाने में थोड़ा ज्यादा खर्च करते हैं तो आप इसे इस तरह से लगा सकते हैं कि यह ऊपर से छत का काम करेगा और नीचे रहकर आप अपने छोटे-बड़े काम आसानी से कर सकेंगे।
सोलर सिस्टम लगाने के लिए आर्थिक मदद कैसे लें?
कोई भी ग्राहक जो अपने घर पर Subsidy Solar Panel लगवाना चाहता है, इसके लिए ग्राहकों को सबसे पहले solar installation company से संपर्क करना होगा, कंपनी अपने अधिकारी को ग्राहक के घर भेजती है, जो यह सुनिश्चित करता है कि घर की बिजली की खपत क्या है और इस घर में कितने किलोवाट सोलर सिस्टम पैनल (how many kilowatt solar system panel) लगाने की आवश्यकता है। अधिकारी द्वारा घर का निरीक्षण करने के बाद सोलर लगाने वाले ग्राहक को इसकी जानकारी दी जाती है और उचित सोलर पैनल लगाने की भी सलाह दी जाती है।
सिस्टम लगाने के लिए शुरू में ग्राहकों को अपनी जेब से सारा पैसा भरना पड़ता है, लेकिन Solar Panel लगाने के बाद कंपनी इसकी जानकारी सरकार की वेबसाइट पर अपलोड कर देती है। अगर सब कुछ सही है, तो सब्सिडी की राशि (Subsidy amount of solar panel) सीधे ग्राहकों के खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है। यदि कोई त्रुटि होती है, तो सरकार उन्हें त्रुटि को ठीक करने का आदेश देती है, जिसके लिए कंपनी ग्राहकों से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं ले सकती है।
Solar Plant को भी साफ करने की जरूरत नहीं है
आजकल तकनीक इतनी उन्नत हो गई है कि अब आपको सोलर पैनल के रखरखाव (maintenance of solar panels) पर भी खर्च नहीं करना पड़ता है, आधुनिक सिस्टम में auto cleaning का विकल्प होता है जो समय-समय पर आपके सिस्टम को खुद ही साफ करता है। इसके अलावा आजकल कंपनियां on side solar system को मेंटेन करने की जिम्मेदारी भी लेती हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें कुछ अतिरिक्त चार्ज भी देना पड़ता है।