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Sirsa: 1.28 करोड़ की दवाएं खरीदने का रिकॉर्ड नहीं देने पर स्वास्थ्य मंत्री से की शिकायत

1.28 करोड़ की दवाओं के संबंध में अस्पताल प्रशासन द्वारा आरटीआई में
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Sirsa: 1.28 करोड़ की दवाएं खरीदने का रिकॉर्ड नहीं देने पर स्वास्थ्य मंत्री से की शिकायत

1.28 करोड़ की दवाओं के संबंध में अस्पताल प्रशासन द्वारा आरटीआई में कोई जवाब नहीं देने पर सामाजिक कार्यकर्ता जितिन गोयल मिंचनाबादी ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को शिकायत भेजकर भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने की मांग की है।

Today Haryana, Sirsa सरकार व विभाग द्वारा अस्पतालों में जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए दी जा रही राशि को अधिकारी घुन की तरह खाए जा रहे हंै। अस्पतालों में आलम ये है कि जनता को दर्द निवारक गोलियां व ग्लूकोज तक नसीब नहीं हो पा रही है और कागजों में अधिकारी करोड़ों की दवा खरीदी दिखाकर सरकार व विभाग को मोटा चूना लगा रहे हंै।

इसी कड़ी में जिला नागरिक अस्पताल में शहर के शिव चौक स्थित गुलाटी मेडिकल स्टोर से दो सालों में खरीदी गई 1.28 करोड़ की दवाओं के संबंध में अस्पताल प्रशासन द्वारा आरटीआई में कोई जवाब नहीं देने पर सामाजिक कार्यकर्ता जितिन गोयल मिंचनाबादी ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को शिकायत भेजकर भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने की मांग की है। अपनी शिकायत में जितिन गोयल (मिंचनाबादी) ने बताया कि दसने करीब दो माह पूर्व जिला नागरिक अस्पताल द्वारा आरटीआई के तहत बाहर से खरीदी गई दवाओं का ब्यौरा मांगा था।

आरटीआई के जवाब में विभाग द्वारा शहर के शिव चौक पर स्थित गुलाटी मेडिकल स्टोर से पिछले करीब दो सालों में 1.28 करोड़ रुपए की दवाएं खरीद की गई, लेकिन बड़ी हैरानी की बात है कि विभाग के पास इन दवाओं की खरीद का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। जुलाई 2019 से अक्तूबर 2021 तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से करीब 1.28 करोड़ रुपए की दवाओं के चैक का भुगतान गुलाटी मेडिकल स्टोर को किया दिखाया है, लेकिन दवाओं के बिल संबंधी कोई जानकारी विभाग के पास नहीं है, जोकि समझ से परे की बात है।

और तो और विभाग द्वारा करोड़ों रुपए की दवा खरीद करने के बाद भी उक्त मेडिकल स्टोर की दवाओं की लैब में कोई जांच रिपोर्ट नहीं करवाई, ताकि ये पता लगाया जा सके कि जो दवाएं खरीद की जा रही है, वो सही है या नहीं, जोकि सरेआम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। क्योंकि कई मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीदने के बाद लोगों के स्वास्थ्य पर दवाओं का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

ऐसे में ये सवाल उठना लाजिमी है कि विभाग को आमजन के स्वास्थ्य को देखते हुए खरीद की जा रही दवाओं की जांच अवश्य करवानी चाहिए। शिकायतकर्ता ने स्वास्थ्य मंत्री से विभाग में अधिकारियों द्वारा किए जा रहे गोलमाल की जांच कर दोषी अधिकारियों पर लगाम कसने की मांग की है, ताकि सरकार द्वारा दिए जा रहे पैसे का सदुपयोग हो और लोगों को अस्पताल में बेहतर सुविधाएं मिल सके।