बिजली निगम को घुण की तरह चट कर रहे भ्रष्ट अधिकारी: क्राइम एंगेस्ट क्रप्शन

बिजली निगम को घुण की तरह चट कर रहे भ्रष्ट अधिकारी: क्राइम एंगेस्ट क्रप्शन
क्राइम एंगेस्ट क्रप्शन संगठन से जसकौर सिंह ने मीडिया से रू-ब-रू होकर खोली पोल
Today Haryana: सिरसा। अकेले सिरसा जिले में ही नहीं, प्रदेश भर में बिजली महकमे में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। अधिकारी घोटालों पर घोटाले किए जा रहे हंै, लेकिन सरकार अभी भी बेखबर है। सिरसा में विद्युत निगम के एसई ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर रखी है। सरकार को चाहिए कि भ्रष्टाचार के इस स्कैंडल की तत्परता से जांच करवाकर दोषी अधिकारियों पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की जाए।
उक्त बातें क्राइम एंगेस्ट संगठन के जसकौर सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। जसकौर सिंह ने एसई सिरसा पर आरोप लगाते हुए कहा कि निगम के नियमों में साफ लिखा हुआ कि किसी भी अधिकारी व कर्मचारी को टंपरेरी तौर पर दूसरी जगह नियुक्त नहीं किया जा सकता, लेकिन एसई आरके सभ्रवाल ने जेई गणेश गोपाल, जिसकी पोस्टिंग तो ऐलनाबाद में है, लेकिन उसे जीवननगर में बैठा रखा है, जहां से वह करोड़ों रुपए के घोटाले किए जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जेई गणेश गोपाल करीब 140 ट्यूबवैल कनैक्शनों को दूसरे स्थानों पर शिफ्ट कर दिया, जबकि एस्टीमेट कहीं और का बना दिया गया। बीपीएल के लिए आई ट्रांसफार्मरों से कॉपर निकालकर कॉपी व बॉडी को बेच दिया और इन्हें कंडम दिखाकर इनके स्थान पर नए ट्रांसफार्मर निकलवा लिए। पंजुआना में भी अधिकारियों ने करोड़ों रुपए का सामान दो नंबर में बेच डाला, जिसकी शिकायत के बाद भी अभी तक जांच नहीं हुई।
इतना ही नहीं शहर की परमार्थ कॉलोनी, जोकि अवैध कॉलोनी है, में बिना परमिशन व एस्टीमेट के विद्युत पोल व केबल लगाकर लाखों रुपए का गोलमाल किया। इसके साथ-साथ अग्रसैनी कॉलोनी में नए पोल व केबल लगाने के नाम पर करोड़ों रुपए डकार गए। निगम अधिकारियों ने यहां विद्युत पोल तो लगा दिए, लेकिन केबल व अन्य सामान गायब कर दिया। और तो और जब जांच की आंच आई तो सामान चोरी होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया।
जसकौर सिंह ने बताया कि निगम के उच्चाधिकारियों को भी इस संंबंधी लिखित में शिकायत दी जा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि एसई सिरसा आरके सभ्रवाल की पदोन्नति की चर्चाएं भी चल रही है, ऐसे में निगम के उच्चाधिकारियों को चाहिए कि वो तत्परता से मामले की जांच कर कार्रवाई करे, ताकि निगम को घुण की तरह चाटने वाले अधिकारियों का चेहरा बेनकाब हो सके।