IPC-CrPC, IEA कानूनों में किया गया बदलाव, जाने नए विधेयकों की मुख्य बाते
Changes made in IPC-CrPC, IEA laws, know the main points of the new bills

IPC-CrPC, IEA कानूनों में किया गया बदलाव, जाने नए विधेयकों की मुख्य बातें
Today Haryana : अमित शाह द्वारा पेश किए गए नए विधेयकों के साथ, भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य बिल 2023 के आगमन से IPC-CrPC में महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहे हैं। ये बदलाव न्याय प्रणाली को सुधारने और अपराधियों को सजा दिलाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
नए विधेयकों की मुख्य बातें:
राजद्रोह कानून का अन्त: इन विधेयकों के तहत राजद्रोह कानून को पूरी तरह से रद्द किया गया है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि यह स्वतंत्रता भी उचित हद तक बनाने में मदद करेगा और अपनी बात कहने का अधिकार सुनिश्चित करेगा।
आतंकवाद की परिभाषा: पहली बार भारतीय न्याय संहिता के तहत आतंकवाद को परिभाषित किया गया है। यह अपराधियों के खिलाफ कठिन से कठिन कदम उठाने में मदद करेगा और उन्हें सजा दिलाने में सहायक होगा।
मॉब लिंचिंग पर सजा: नए विधेयक में मॉब लिंचिंग को हत्या की परिभाषा में शामिल किया गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि अपराधियों को ऐसी हत्याओं के लिए सजा दिलाई जाएगी जो सामाजिक वैशिष्ट्य और सख्तता की भावना को छूने में सक्षम होती है।
नाबालिग से गैंगरेप पर मौत की सजा: इन विधेयकों में नाबालिग से गैंगरेप के मामले में अपराधियों को अधिक सजा देने का प्रावधान किया गया है। यह न्याय प्रणाली में यौन अत्याचार के खिलाफ तगड़ा संदेश है।
हेट स्पीच पर सजा: नए विधेयक में हेट स्पीच और धार्मिक भड़काऊ स्पीच को भी अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है। यह स्पष्ट दिखाता है कि भाषा में विवादात्मक या आतंकवादी भावनाओं को फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाया जाएगा।
डिजिटलीकरण की सामर्थ्य: ये विधेयक न्यायिक प्रक्रियाओं को ऑनलाइन बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे अपराधियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की प्रक्रिया तेजी से और प्रभावी होगी।
निर्णयों के प्रभाव:
ये नए विधेयक न्याय प्रणाली को और भी सुरक्षित, तेज़ और सशक्त बनाने का प्रयास है। इनमें कुछ विवादित प्रावधान भी हैं, जैसे कि हेट स्पीच पर सजा के संबंध में स्वतंत्रता भिंड़शाला के पक्ष में तर्क दिया जा रहा है। कुछ उदाहरणों में, यह प्रावधान अवश्यभिक हो सकते हैं, लेकिन उनके प्रशंसापूर्ण परिणाम भी हो सकते हैं।
यह विधेयक भारतीय समाज में सुरक्षा और न्याय की भावना को मजबूत करने का प्रयास है, लेकिन उनके प्रावधानों के प्रभाव को देखते रहना महत्वपूर्ण होगा।
नोट: ऊपर दी गई जानकारी केवल उपायुक्त जानकारी के रूप में प्रस्तुत की गई है और यह किसी भी विशिष्ट विधेयक या प्रस्तावित बदलाव की पूरी जानकारी नहीं है। यदि आपके पास इस विषय में अधिक और नवीनतम जानकारी हो, तो आपके जानकारी को अद्यतित करना महत्वपूर्ण होगा।