15 अगस्त पर त्रिपुरा पुलिस के हेडक्वार्टर से 182 फाइलें हो गईं गायब, जानिए क्या है मसला

स्वतंत्रता दिवस की रात जहां देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा था तो वहीं दूसरी तरफ त्रिपुरा पुलिस मुख्यालय से कई आधिकारिक फाइलें चोरी हो गईं।
files missing from Tripura Police headquarters: स्वतंत्रता दिवस की रात जहां देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा था तो वहीं दूसरी तरफ त्रिपुरा पुलिस मुख्यालय से कई आधिकारिक फाइलें चोरी हो गईं। बता दें कि चोरी के अलावा कई अन्य फाइलों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इसके बाद से त्रिपुरा पुलिस और राज्य की बीजेपी सरकार पर विपक्ष हमलावर है।
पुलिस मुख्यालय से फाइल्स चोरी होने की घटना को लेकर कांग्रेस और माकपा ने जांच की मांग की है। बता दें कि यह घटना 15 अगस्त को पुलिस मुख्यालय में हुई है। त्रिपुरा कांग्रेस विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने मांग की है कि इस मामले की जांच उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश से कराई जाए। वहीं त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा से विपक्ष के नेता माणिक सरकार ने मामले की जांच के लिए पुलिस और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त करने की मांग की है।
द इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि फाइल चोरी होने की संख्या को लेकर कई बयानों में पुलिस ने अलग-अलग हिसाब दिया कि कितनी बरामद हुई और आरोपी कौन थे। चोरी के बारे में पहला आधिकारिक बयान त्रिपुरा पुलिस ने 16 अगस्त को जारी किया था। जिसमें कहा गया था, “15-16 अगस्त की रात को बदमाशों ने पुलिस मुख्यालय के एक केबिन में रखी कुछ निष्क्रिय फाइलों को चुरा लिया/क्षतिग्रस्त किया।”
हालांकि चोरी हुई फाइलों को लेकर स्पष्ट नहीं किया गया कि फाइलें किससे संबंधित थीं। पुलिस ने कहा कि चोरी की गई फाइलों का एक बड़ा हिस्सा घटना के दिन ही बरामद कर लिया गया था। इसमें पश्चिम अगरतला पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत के आधार पर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के बयान में कहा गया है, “इस तरह की घटना फिर से न हो ऐसे में मुख्यालय की सुरक्षा की समीक्षा की जा रही है और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।”
18 अगस्त की शाम को त्रिपुरा पुलिस ने इस घटना पर एक दूसरा प्रेस बयान जारी किया जिसमें कहा कि प्रारंभिक जांच के अनुसार इस घटना को “नशे के आदी लोगों” ने अंजाम दिया है। पुलिस ने कहा कि घटना के कुछ घंटों के भीतर ही पुलिस चोरी हुईं सभी फाइलें को बरामद कर लिया। इसमें पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
हालांकि सीपीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि फाइलें चोरी नहीं हुईं, बल्कि अंदरूनी सूत्रों की मदद से पुलिस मुख्यालय से हटाई गईं हैं। इसे सरकार या प्रशासन में प्रभावशाली लोगों को बचाने के लिए किया गया। बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री माणिक साहा के पास गृह विभाग है।
कांग्रेस ने दावा किया है कि मुख्यालय से 182 फाइलें चोरी हुई हैं। वहीं पुलिस सूत्रों ने कहा कि कुल 165 फाइलें चोरी हुईं हैं लेकिन उन्हें बरामद कर लिया गया। सीपीएम नेता और विधायक रतन भौमिक ने कहा, “165 या 182? कौन सा सही है? पूरे मामले पर संदेह होना उचित है।”